नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कोयला उद्योग में सौ फीसदी विदेशी निवेश का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। केंद्र सरकार देश में मंदी के कारण घट रही नौकरियों को थामने के लिए नए-नए विकल्पों को तलाश कर रही है। इसी सिलसिले में सरकार ने कई सेक्टरों में विदेशी निवेश का रास्ता साफ कर दिया है। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने सरकार के इस कदम को बड़ा सुधार बताया है। कोयला मंत्री ने कहा है कि इस कदम से भारत को प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार बनाने में मदद मिलेगी और कोयला क्षेत्र में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
सरकार ने कोयला खनन और अनुबंध विनिर्माण क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई को बुधवार को मंजूरी दे दी। जोशी ने कहा, 'यह हमारे समय का सबसे बड़ा सुधार है और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आने से भारत दक्ष और प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार बन जाएगा। इससे अत्याधुनिक कोयला खनन प्रौद्योगिकी के भारत आने की उम्मीद है, जिससे पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल खनन में मदद मिलेगी।'
उन्होंने कहा कि इस फैसले से कोयला से जुड़े क्षेत्रों में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार का सृजन होगा एवं इन इलाकों के आर्थिक विकास पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। बता दें कि लचर आर्थिक हालात के कारण देश के कई उद्योग मंदी से गुजर रहे हैं। बड़े पैमाने पर कंपनियां छंटनी को अंजाम दे रही है।
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