यासीन मलिक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने आई CBI और NIA, जानिए क्या है मामला ?
यासीन मलिक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने आई CBI और NIA, जानिए क्या है मामला ?
Share:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक के वायुसेना कर्मियों की हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका का विरोध करने के लिए अदालत में पेश होने पर नाराज़गी व्यक्त की। दरअसल, मलिक खुद सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखना चाहता है, लेकिन अदालत का कहना है कि, उसे लाने की कोई जरूरत नहीं है, उसे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए।

बता दें कि, CBI ने NIA कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए एक याचिका दायर की थी, जिसमें सुनवाई के लिए जम्मू-कश्मीर की एक अदालत में यासीन मलिक की भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता थी। CBI ने तर्क दिया कि क्षेत्र में उसकी उपस्थिति से कानून-व्यवस्था को खतरा हो सकता है और अशांति पैदा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने खुद को इस केस से अलग कर लिया है। इससे पहले, एक स्पेशल NIA कोर्ट ने 1989 में चार भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण से संबंधित मामलों में गवाहों से जिरह करने के लिए यासीन मलिक की शारीरिक उपस्थिति के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था। बता दें कि, यासीन मलिक के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना अधिकारियों की हत्या का मामला सबसे चर्चित है, यह हत्या यासीन मलिक ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने से पहले टीवी पर भी कबूली थी। लेकिन, इसके बावजूद वह उस समय खुलेआम घूम रहा था, यहाँ तक कि पीएम आवास जाकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मिल चुका था।

यासीन मलिक को 2019 में निअ द्वारा अरेस्ट किया गया और वह फिलहाल टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। बता दें कि जनवरी 1990 में, यासीन मलिक ने आतंकवादियों के एक समूह का नेतृत्व किया था, जिन्होंने श्रीनगर में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) कर्मियों पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप चार अधिकारियों की मौत हो गई और 20 से अधिक अन्य घायल हो गए थे।

पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से की बातचीत, आर्थिक और रणनीतिक सहयोग पर हुई चर्चा

राहुल गांधी मानहानि मामला: जज के पिता-भाई कांग्रेसी, वकील भी कांग्रेसी, जस्टिस गवई बोले- मैं सुनवाई से अलग हो जाऊं क्या ?

'ये सरकार का काम..', राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में डालने की मांग सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -