मध्य प्रदेश / ग्वालियर : ग्वालियर जयारोग्य अस्पताल परिसर के अंदर खून का गोरख धंधा चल रहा है। यहाँ मरीजों को महंगे दामों पर खून बेचा जा रहा है। इसका बात का खुलासा बीती रात हुआ, जब RSS से जुड़े एक मरीज के लिए दो यूनिट खून के लिए 12 हजार रुपए वसूले गए। खून के आलावा इस हॉस्पिटल में सीटी स्कैन, कई पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी जांचें व एमआरआई सभी के लिए दलाल सक्रिय हैं। ये दलाल अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ से हाथ मिलाकर मरीजों को निजी सेवाओं तक ले जाते हैं।
RSS से जुड़े मरीज के परिजन से पैसे वसूलने की खबर लगने के बाद अस्पताल प्रशासन जागा है। अब अस्पताल प्रशासन इन दलालों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाने की बात कह रहा है। अस्पताल प्रशासन ने करीब पांच करोड़ की सीटी स्कैन मशीन अपने हॉस्पिटल में लगवा रखी है। इसके बाद भी सीटी स्कैन, एमआरआई अस्पताल के बाहर कराई जा रही है। इसकी वजह दलालों और डॉक्टरों की मिलीभगत को माना जा रहा है। निजी जांच केंद्रों के दलाल ट्रॉमा सेंटर, आर्थोपेडिक, न्यूरोसर्जरी- न्यूरोलॉजी वार्ड में घूमते आसानी से देखे जा सकते हैं।
ये दलाल सीटी स्कैन, एमआरआई कराने के लिए डॉक्टरों को भी कमीशन देते हैं। दलाल वार्डों में इस तरह बैठे रहते हैं कि इन्हें देखकर तो कई बार लोगों को यह लगता है कि यह अस्पताल के ही कर्मचारी हैं। दलालों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि बीती रात संघ से जुड़े वेदपाल झा से मरीज को दो यूनिट खून दिलाने के नाम पर 12 हजार रुपए ले लिए। इस मामले का पता जब अस्पताल प्रशासन को लगा तो उन्होंने पैसे वापस दिलवाए।
जयोरोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जेएस सिकरवार के मुताबिक इस मामले में कंपू थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है। साथ ही ऐसे दलालों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। गोरखधंधा ऐसे चलता है जब कोई मरीज आता है तो डॉक्टर उसका सीटी स्कैन या एमआरआई कराने के लिए कहता है। वहां मौजूद दलाल मरीज को अपने साथ सेंटर पर ले जाता है। वहां सीटी स्कैन, एमआरआई कराने के बाद छह सौ से डेढ़ हजार रुपए प्रति मरीज कमीशन दिया जाता है।
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.