मुंबई : महाराष्ट्र में तट पर आने के कारण 40 फीट लंबी एक मादा ब्लू व्हेल की जान चली गयी. ब्लू व्हेल संसार की सबसे बड़ी मछली है. बुधवार सुबह तेज लहरों के चलते एक मादा व्हेल अलीबाग तट पर पहुंच गयी. स्थानीय मछुआरों और अलीबाग वन विभाग के कर्मियों ने 10 घंटे तक मछली की सहायता करने के जतन किये, लेकिन मछली का वजन 20 टन से भी अधिक होने के कारण उसकी सहायता नहीं की जा सकी.
गुरुवार सुबह करीब 4 बजे व्हेल ने दम तोड़ दिया. वन विभाग की तरफ से प्राप्त जानकारी के अनुसार व्हेल तेज लहरों के कारण तट से करीब डेढ़ किमी दूर तक पहुंच गयी थी. तट पर पर्याप्त पानी नहीं होने की वजह से मछली जीवित नहीं रह पायी.
वन विभाग के अनुसार ब्लू व्हेल जितनी बड़ी मछली ऐसी स्थिति में 12 घंटे से अधिक तट पर रहे तो उसकी मृत्यु हो जाती है. स्थानीय लोगों ने जेसीबी मशीन का भी प्रयोग किया और उसे पानी में ले जाने की बहुत कोशिश की, लेकिन रहवासियो को सफलता नहीं मिली.
ब्लू व्हेल जैसी मछली को जीवित रहने के लिए गहरे पानी की बेहद आवश्यकता होती है. आधिकारिक बयान में यह भी बताया गया कि यदि व्हेल को आवश्यकता से अधिक धक्का दिया जाता या फिर खिसकाया जाता तो उसके घायल होने की सम्भावना रहती है. ऐसा भी लग रहा था कि उसने पिछले कुछ हफ्तों से अच्छी तरह भोजन नहीं किया हो.