वाराणसी : नेताजी सुभाषचंद्रबोस की मृत्यु का रहस्य जानने की लालसा के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री की ताशकंद में हुई मृत्यु से जुड़े रहस्य को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में कहा जा रहा है कि उनकी मौत के कारणों को तलाशा जाना बेहद जरूरी है। बापू और शास्त्री की जन्मतिथि की पूर्व संध्या पर काशी में शास्त्री जी की मृत्यु होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं को रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली भदैनी में उपवास रखा गया।
मिली जानकारी के अनुसार उपवास के बाद उनसे मांग की गई कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शास्त्री के पैतृक निवास रामनगर में शास्त्री रथ निकाला गया। रामनगर से निकाला गया रथ बनारस पहुंचा। इस दौरान हर कहीं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शास्त्री की मृत्यु को लेकर प्रश्न किए गए और कहा गया कि शास्त्री की मौत के कारणों को तलाशना चाहिए।
इस मामले में कहा गया है कि रानी लक्ष्मीबाई की जन्मभूमि पर किए गए उपवास में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय द्वारा बनारस के संसद औरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में हुई मौत की जांच के अलावा ताशकंद समझौते की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की गई। इस मामले में कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में हुई मृत्यु को लेकर उनकी पत्नी ललिता शास्त्री और परिजन की मांग बाद किसी तरह की जांच नहीं की गई।