लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने हंगामे से जो माहोल खड़ा किया था उसके बाद सांसदों को बर्खास्त करना पड़ा. लोकसभा से कांग्रेस के 25 सांसदों के निलंबन को लेकर भाजपा और कांग्रेस में बयानबाज़ी तेज़ हो गई है. कांग्रेस ने संसद में इसके विरोध में धरना दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. मन की बात सुनें मोदी: राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे लोकतंत्र की हत्या कहा, तो उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को हिंदुस्तान के मन की बात सुननी चाहिए.
यही नहीं कांग्रेस की महिला इकाई ने दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय के बाहर धरना दिया. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई राज्यों में भी अपने सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के डीएनए में लोकतंत्र है ही नहीं. वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, कांग्रेस के पॉलिटिकल DNA में लोकतंत्र है नहीं.
आज भी माँ अध्यक्ष और बेटा उपाध्यक्ष है. ये हमें लोकतंत्र सिखाएँगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संसद के सत्र को बर्बाद करने का बीड़ा ही नहीं उठाया उसको एक दर्शन बना दिया है. दूसरी ओर एक और केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा सदन को काम नही करने दे रहे थे इसलिए सांसदों को निलंबित किया गया है. जबकि सरकार बहस के लिए तैयार है. उधर कांग्रेस को कई अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला है. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस फ़ैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस पर फिर से विचार होना चाहिए. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी कांग्रेस का इस मुद्दे पर समर्थन किया है.