1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जनसंघ से शुरू हुए एक हिंदुत्ववादी राजनीतिक संगठन के 37 वर्ष पहले 1980 में मुम्बई में भारतीय जनता पार्टी में तब्दील होने और 2014 में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने की अवधि में इस पार्टी ने कई उतार -चढ़ाव देखे. कल 6 अप्रैल को भाजपा की स्थापना को 38 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर पार्टी के अब तक के सफर पर एक नज़र डालते हैं.
बता दें कि 1977 में इंदिरा गांधी के खिलाफ एकजुटता के लिए जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया था, लेकिन बाद में जनता पार्टी के जनसंघ धड़े ने 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी नाम से अलग पार्टी बनाई थी, जिसके पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने थे. बीते 38 वर्षों में पार्टी ने कई उतार -चढाव देखे.कभी जीत का स्वाद चखा तो कभी हार की मायूसी भी मिली. 1984 के लोक सभा चुनाव में सिर्फ दो सीटें जीतने वाली भाजपा आज केंद्र में सत्तासीन है और देश के 17 राज्यों (कुछ राज्यों में गठबंधन सरकार) में उसकी सरकार है. यह उपलब्धि हासिल करने में पार्टी के एक करोड़ 20 लाख सदस्यों के सहयोग और समर्पण का बहुत बड़ा योगदान है.इन्हीं सदस्यों के बल पर ही भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन पाई है.
उल्लेखनीय है कि गत 37 वर्ष में भाजपा प्रमुख के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, कुशा भाऊ ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण और नितिन गडकरी ने यह दायित्व संभाला. फ़िलहाल अमित शाह पार्टी के अध्यक्ष है ,जिनके कुशल नेतृत्व में पार्टी लगातार न केवल आगे बढ़ रही है, बल्कि कई राज्यों में सत्ता भी हासिल की है. यूपी की प्रचंड जीत के बाद अब त्रिपुरा में वाम दलों की 25 साल पुरानी सरकार को उखाड़ कर सत्ता हासिल करना बड़ी सफलता मानी जा रही है.
भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने दो ट्वीट कर अपने विचार प्रकट करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं के पूरे परिवार को पूरे देश में किए गए उनके लिए काम के लिए बधाई दी साथ ही पूरे देश के सभी वर्गों ने भाजपा में जो भरोसा दिखाया उसके लिए जनता का हार्दिक आभार भी प्रकट किया.
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