बिजली कंपनी टाटा पावर ने नया ऊर्जा उत्पादन के लिए टीपी नया ऊर्जा माइक्रोग्रिड नाम की सहायक कंपनी स्थापित करने का एलान किया है। यह कंपनी देशभर में 10 हजार माइक्रोग्रिड स्थापित करेगी, जिसके जरिये से 50 लाख घरों को रोशन किया जाएगा। टीपी नवीन ऊर्जा माइक्रोग्रिड की स्थापना में रॉकफेलर फाउंडेशन से टेक्नीकल मदद ली जाएगी। फिलहाल रॉकफेलर फाउंडेशन इस उपक्रम में हिस्सेदारी नहीं कर सकता है।
टाटा पावर की ओर से जारी एक कथन में कहा गया है कि कंपनी देश में सस्ती, विश्वसनीय और स्वच्छ बिजली प्रदान करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा कंपनी की यह कोशिश बिजली से वंचित दुनियाभर के 80 करोड़ लोगों तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य से प्रभावित है। टाटा पावर ने बताया कि कंपनी भारत से ऊर्जा निर्धनता दूर करने के लिए 2026 तक नवीन ऊर्जा के 10 हजार माइक्रोग्रिड देशभर में स्थापित कर सकती है।
क्या होते हैं ग्रिड- ग्रिड प्रमुख रूप से वैसे स्टेशन होते हैं, जो बिजली उत्पादन करने वाले दो या अधिक स्टेशनों को आपस में जोड़ते हैं। इसका एक फायदा यह भी होता है कि किल्लत वाले क्षेत्रों में जरूरत के समय उन जगहों से बिजली पहुंचाई या लाई जा सकती है, जहां ज्यादा बिजली हो। वर्तमान में पूरे देश के पांच क्षेत्रीय पावर ग्रिड को मिलाकर एक नेशनल ग्रिड स्थापित किया गया है। माइक्रोग्रिड एक तरह से सबसे छोटे ग्रिड होंगे, जो कुछ ही घरों तक सीमित रह सकेंगे। योजना के मुताबिक टाटा पावर देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रोग्रिड लगाएगी। इनमें सौर ऊर्जा की मदद से बिजली पैदा की जाएगी, जिसे संबंधित परिवारों को निशुल्क दिया जाएगा। इस्तेमाल के बाद बची हुई बिजली को नेशनल या रीजनल ग्रिड को बेचा जायेगा|
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