1963 से ही मुंगेर स्कूल ऑफ योगा दुनियाभर को सीखा रहा है योग
1963 से ही मुंगेर स्कूल ऑफ योगा दुनियाभर को सीखा रहा है योग
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पटना। इन दिनों योगा फैशन में भी है और चलन में भी। मोदी सरकार के अथक प्रयास से हम आज अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस भी मना रहे है। योग दिवस के लिए देश भर में 3 लाख से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जब कि मुख्य कार्यक्रम चंडीगढ़ में आयोजित किए गए, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।

लेकिन बिहार के मुंगेर जिले में एक प्राचीन योग विद्दालय है, जिसे पूरी दुनिया में योग नगरी के नाम से जाना जाता है। मुंगेर को मिली इस उपलब्धि का श्रेय यहां के अनेक योगियों व गुरुओं को जाता है। यहां 1963 से ही बिहार योग विश्व विद्दालय चलाया जा रहा है, जिसके संस्थापक सत्यानंद सरस्वती है।

1963 में सत्यानंद सरस्वती मुंगेर आए और योग का प्रशिक्षण देना शुरु किया। उन्होने मुंगेर किला परिसर में योग आश्रम की स्थापना की और तब से आज तक बिहार स्कूल ऑफ योगा पूरी दुनिया को योग सीखा रहा है। योगाश्रम की दुनिया भर में करीब 70 से अधिक शाखाएं है।

2013 में मुंगेर में विश्व योग सम्मेलन का आयोजन भी बिहार स्कूल ऑफ योगा के सौजन्य से कराया गया था। इस सम्मेलन में 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। योग एक विधा, विज्ञान के साथ साथ जीवनशैली है जिसे हमारे ऋषि- मुनी हजारों सालों से विकसित और परिष्कृत करते आए हैं। आज योग विधा सारी दुनिया में फैल चुका है।

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