लहुसन की कलियों का उपयोग हर लिहाज़ से गुणकारी व लाभकारी है। सर्दियों और बारिश के मौसम में इसका प्रयोग विशेषतौर पर करना चाहिए। पैरों का दर्द, पीठ की जकड़न, हिस्टीरिया, लकवा, वायु विकार आदि में लहसुन कारगर दवा है। कैसे करें इस चमत्कारी हर्ब का उपयोग, जानते हैं।
– लहसुन और तुलसी की पत्ती का रस 5-5 मि.ली., सोंठ चूर्ण 2 ग्राम और काली मिर्च चूर्ण 1 ग्राम। इन सबको एक साथ मिलाकर आधा लीटर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम पीने से थोड़े ही दिनों में सर्दी-ज़ुकाम दूर हो जाता है।
– लहसुन की 10-15 कलियों को दूध में पकाकार उसे छान लें. इसे बच्चों को सुबह-शाम पिलाने से काली खांसी (कुकुर खांसी) दूर हो जाती है। – लहसुन, शक्कर और सेंधा नमक, तीनों को समान मात्रा में लेकर चटनी की तरह पीस लें। इसमें घी मिलाकर चाटने से अजीर्ण, पेटदर्द, मंदाग्नि आदि पेट के रोगों से राहत मिलती है।
– पहले दिन लहसुन की एक कली निगल जाइए, दूसरे दिन दो, इसी तरह प्रतिदिन एक-एक कली बढ़ाते हुए चालीसवें दिन चालीस कलियां निगलिए। फिर इसी तरह एक-एक कली कम करते हुए आख़िर में एक कली पर आ जाइए। लहसुन का इस क्रम से सेवन करने से अस्सी दिन में लकवा की शिकायत पूरी तरह से दूर हो जाती है।
– लहसुन को पीसकर दूध में मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप में बहुत लाभ होता है। यह हाई ब्लडप्रेशर की रामबाण औषधी है।
– घाव में कीड़े पड़ गए हों, तो लहसुन को पीसकर उसका लेप लगाएं, इससे कीड़े मर जाते हैं।
इस्तेमाल करे दालचीनी और गुलाबजल और पिम्पल्स को कहे बाए बाए