नई दिल्ली : दादरी हत्याकांड को लेकर नेताओं द्वारा बयानबाजियां की जा रही हैं, इसके उलट साहित्यकारों द्वारा अपने पुरस्कार लौटाए जा रहे हैं। लोकप्रिय और वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने भी अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है। राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के पूर्व प्रमुख अशोक वाजपेयी ने इस मामले में यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को लेकर शातिराना तरीके से हमले किए गए हैं। इस मामले में यह भी कहा गया है कि लेखकों के लिए सही कदम उठाने का समय आ गया है। इससे पहले कल देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की भतीजी नयनतारा सहगल द्वारा भी साहित्य अकादमी का अवार्ड वापस कर दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार लोकप्रिय कवि अशोक वाजपेयी ने कहा कि कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं हुआ है कि अखलाक नामक व्यक्ति की हत्या बीफ सेवन की अफवाह के कारण हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े पैमाने पर लोगों को संबोधित करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री इस तरह के मामले में और संस्कृति पर हो रहे हमलों को लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं आखिर ऐसा क्यों। निर्दोष लोगों की हत्या हो रही है। मंत्रियों द्वारा भड़काने वाली बयानबाजियां की जा रही हैं। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद खामोश हैं।
उल्लेखनीय है कि साहित्य अकादमी अवार्ड नयनतारा सहगल ने भी लौटा दिया है। उनका कहना है कि देश के तर्कबुद्धिवादी विचारकों और लेखकों की हत्या के विपरीत अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या कर दी गई। यह भी कहा गया है कि आगे आने वाला क्रम अन्य लेखकों का बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन लेखकों का भी नंबर आ सकता है।