240 टॉप कम्पनियों को लोन डिफाल्टर का खतरा
240 टॉप कम्पनियों को लोन डिफाल्टर का खतरा
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मुंबई : देश की बड़ी 240 कम्पनियों को बैंकों का लोन चुकाने का गम्भीर दबाव बना हुआ है. रेंटिंग एजेंसी के अनुसार इन कम्पनियों को अपना 1.4 लाख करोड़ रुपए का लोन रिफाईनेंस कराना पड़ेगा. गौरतलब है कि इण्डिया रेटिंग्स ने करीब 500 कारोबारी घरानों को चार भागों में वर्गीकृत किया है. यह वर्ग उनकी रिफाईनेंस कि जरूरत के आधार पर बनाए गए हैं. इंडिया रेटिंग्स ने अपने अध्ययन में पाया कि 157 कम्पनियों को अपना लोन रिफाईनेंस कराने की सख्त जरूरत (ई आर आर) है.

दूसरी श्रेणी में 83 स्ट्रेस्ड कम्पनियां हैं जो पहले ही डिफाल्टर हो चुकी है. इन दोनों श्रेणियों की कम्पनियों को अपना लोन चुकाने में बहुत परेशानी आ रही है. हो सकता है अब तक वे डिफ़ॉल्ट भी कर चुकी हो. इंडिया रेंटिंग एन्ड रिसर्च के हेड ऑफ़ क्रेडिट एन्ड मार्केट रिसर्च ग्रुप राकेश वालेचा ने कहा इस नतीजे पर पहुँचने के लिए हमने इन कम्पनियों का कैश फ्लो, उनकी फाइनेंशियल पोजीशन, उनके फिक्स्ड असेट और गिरवी रखे जाने वाले शेयरों की संख्या का अध्ययन किया.

वालेचा के अनुसार फिस्कल ईयर 2017 में 5.1 लाख करोड़ रुपए के लोन स्ट्रेस्ड केटेगरी में आ गए हैं, बाकी 6 .7 लाख करोड़ रुपए का कर्ज ईआरआर में आ रहा है. इस श्रेणी का 4 .6 लाख करोड़ रुपया डेट बैड लोन हो गया होगा. इस हालात में कम्पनियों को रिफाईनेंस कराने की जरूरत पड़ेगी, जब बैंक ज्यादा रिस्क नहीं ले रहे हो .

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