अंकारा : विश्व का एक बड़ा घटनाक्रम होते - होते टल गया। दरअसल तुर्की में लोकतंत्र की जीत हुई। दरअसल यहां पर सेना ने तख्तापलट कर सत्ता हथियाने का प्रयास किया लेकिन अंततः देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रैचेप तैयाप एर्दोअन ने लोगों से घोषणा की कि तख्ता पलट का प्रयास नाकाम रहा। इस तख्तापलट को नाकाम करने के लिए लोगों और राष्ट्रपति तक को जोखिम भरे दौर से गुजरना पड़ा। इस घटनाक्रम में करीब 105 लोग मारे गए।
सेना द्वारा मार्शल लाॅ लगाए जाने के बाद भी लोग टैंकों के आगे लेट गए। तो दूसरी ओर संसद के बाहर दो धमाके हुए। तख्तापलट के इस प्रयास में पुलिस के करीब 17 जवान शहीद हो गए। सेना के जवानों ने कई इमारतों पर कब्जा कर लिया था। इन जवानों को लोगों ने घसीटकर बाहर निकाला। तुर्की के राष्ट्रपति ने लोकतंत्र की बहाली की घोषणा की और कहा कि तख्ता पलट का प्रयास नाकाम रहा।
तुर्की के राष्ट्रपति को घटनाक्रम के बाद विशेष विमान से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया। घटनाक्रम नियंत्रण में आने के बाद विद्रोही 50 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इस मामले में तुर्की सेना के 1 हजार से भी अधिक अधिकारी और जवान गिरफ्तार किए गए हैं। सेना द्वारा विद्रोह करने के बाद अब कार्यकारी सेना प्रमुख की नियुक्ति कर दी गई है। सेना प्रमुख सरकार के नियंत्रण में और जनता के प्रति जवाबदेह हैं।