पंजाब के एग्री स्टार्टअप्स ने पाया अलग मुकाम
पंजाब के एग्री स्टार्टअप्स ने पाया अलग मुकाम
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बठिंडा / लुधियाना / चंडीगढ़ - किसान का आलू बिका 7 रु./किलो और फ्रोजन फिंगर चिप्स का 250 ग्राम का पैक मिल रहा है 52 रु. में. ये पैसा जाता है बड़े बाजार के खिलाड़ियों के पास. किसानों ने सस्ते दामो में फसल खरीद कर उनके उत्पादों को ज्यादा कीमत में बेचने का तरीका अब पंजाब के किसानों को भी समझ में आ गया है . इसलिए कई किसानों ने सीधे ग्राहक तक पहुंचने के लिए अपने-अपने तरीके खोज निकाले हैं.

पीएयू के प्रोफेसर रमनदीप सिंह (बिजनेस मैनेजमेंट) कहते हैं-पंजाब में पिछले तीन साल में करीब एक हजार ‘एग्री स्टार्टअप्स’ शुरू हो चुके हैं. ये लोग अपने प्रोडक्ट्स में खुद ही वैल्यू एड करने लगे हैं. मार्केटिंग कर रहे हैं इसलिए मुनाफा बढ़ना लाजमी है. पंजाब में अब किसानों ने खेती के साथ व्यापार भी करने लगे हैं . यहां चन्द किसानों के मामले दिए जा रहे हैं जो पंजाब के एग्री स्टार्टअप्स का नजारा पेश करते हैं.

अार्मी से शॉर्ट सर्विस कमीशन के बाद अमरजीत भट्ठल ने लुधियाना-फिरोजपुर रोड पर डेढ़ एकड़ जमीन पर सिर्फ ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने लगे. बेचने भी लगे. फिर प्रोसेसिंग शुरू की. एक साल पहले वहीं पर एक हजार स्क्वेयर फीट के शेड में रिटेल शॉप खोलकर अपने प्रोडक्ट बेचने भी शुरू कर दिए.अब ड्राई पुदीना, धनिया, हल्दी के साथ लहसुन-प्याज की स्टोरेज शुरू कर दी हैं. सिर्फ मौसमी सब्जियां उगाते हैं. उनकी दुकान पर कोफ्ता, बनी हुई दाल, छह-सात तरीके के पैकेज्ड सलाद मिलते हैं.

ऐसा ही एक फार्म अमरजीत सिंह ने भी शुरू कर रखा है. उन्होंने खेत में ही ईटिंग पॉइंट शुरू कर लिया है.लस्सी, मक्खन, गेहूं का आटा, हल्दी, लाल मिर्च से लेकर मीट तक सीधे फार्म से कंज्यूमर तक पहुंचाने का इंतजाम है. अमृतसर-बटाला हाईवे पर काला नंगल के जसबीर भी ऐसा करने लगे हैं. ये ट्रेंड कैलिफोर्निया का है.

इसी तरह इसड़ू के पास क्रोदियां गांव के जसबीर ने एक साल पहले ही मछली से प्रोडक्ट्स बनाने शुरू किए तीन एकड़ से शुरू हुआ मछली पालन का काम एक साल में ही 37 एकड़ तक पहुंच चुका है.पिछले साल उन्होंने ताजपुर रोड फिश मार्केट में शॉप लेकर फिश बॉल, फिश कटलेट, फिंगर, साॅसेज, पिकल आदि बेचने शुरू किए. दूसरे फार्मर्स की मछली लेकर भी प्रोडक्ट तैयार करने लगे हैं उनकी तरह ही मुल्लांपुर के राजविंदर सिंह ने तालाब की मछली से फिश ऑयल, सिरका और वाइन तैयार की है..फिश ऑयल अब तक सिर्फ समुद्री मछली से तैयार किया जाता है. ये कैप्सूल के रूप में 10 हजार रुपए किलो तक है, जबकि राजविंदर 1000 रु. में बेच रहे हैं.

बठिंडा की शहनाज का ‘फ्रेश हब’ ब्रांड का 16 किस्म का शहद मशहूर होने लगा है. बाकायदा मार्केटिंग-सप्लाई टीम तैयार कर ली है, जो दुकानों में माल भेजती है। उनकी खास बात है कस्टमर्स को व्हाट्सएप नंबर पर जोड़ते रहना. हर नया प्रोडक्ट लॉन्च करने के बाद वॉट्सएप पर ऑर्डर लिए जाते हैं. पैक पर लिखा रहता है कि किस पराग के सहारे मधुमक्खियां पाली गईं.

अगर एग्री स्टार्टअप्स को लेकर अन्य राज्यों की स्तिथि पर नजर डालें तो महाराष्ट्र जैसे खेती प्रधान राज्य में जहां एग्री-आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए बाकायदा डिपार्टमेंट हैं, लेकिन स्टार्टअप्स 100 से ज्यादा नहीं हैं. उत्पादन में तेजी से बढ़ रहे मध्य प्रदेश और हरियाणा के किसान भी पंजाबी किसानों से काफी पीछे हैं.

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