देश के पूर्व भारतीय टीम खिलाड़ी सुरेश रैना के पिता त्रिलोकचंद रैना का रविवार को देहांत हो गया। त्रिलोकचंद काफी वक़्त से कैंसर बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने गाजियाबाद मौजूद आवास पर अपनी आखिरी सांस ली। त्रिलोक चंद रैना भारतीय सेना का भाग रहे थे तथा उन्हें बम बनाने में महारत प्राप्त थी। वैसे रैना के पिता का पैतृक गाँव 'रैनवारी' केंद्र शासित राज्य जम्मू एवं कश्मीर में मौजूद है। 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के क़त्ल के पश्चात् उनके पिता ने गांव छोड़ दिया था। तत्पश्चात, परिवार मुरादनगर कस्बे में बस गया।
बता दे कि सुरेश रैना के पिता की मासिक आय 10,000 रुपए की थी, ऐसे में वह अपने बेटे को उच्च क्रिकेट कोचिंग का शुल्क देने में असमर्थ थे। शीघ्र ही त्रिलोकचंद की परेशानी दूर हो गई, जब वर्ष 1998 में रैना को 1998 में लखनऊ के गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में एडमिशन हुआ। अपने एक इंटरव्यू में सुरेश रैना ने बताया था कि उनके पिता उन जवानों के परिवारों की देखभाल करते थे, जिनका देहांत हो गया था। वो इन परिवारों की आर्थिक तौर पर सहायता करते थे। साथ ही, इस बात का ख्याल रखते थे कि उन्हें वे सुविधाएं प्राप्त हो, जिसके वो हकदार हैं।
वही सुरेश रैना ने वर्ष 2020 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। रैना ने 18 टेस्ट मैचों में एक शतक की बदौलत 768 रन बनाए। मध्यक्रम के इस खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए 226 वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया। इस के चलते रैना ने 5615 रन बनाए, जिसमें पांच शतक सम्मिलित रहे। वहीं, 78 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में रैना के नाम पर 1604 रन दर्ज हैं।
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