5 लाख से कम की आय ना हो कारोबारी आय : समिति
5 लाख से कम की आय ना हो कारोबारी आय : समिति
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नई दिल्ली : हाल ही में एक उच्च स्तरीय समिति के द्वारा यह सुझाव सामने आया है कि यदि किसी को शेयरों के कारोबार से 5 लाख रुपये से कम की वार्षिक आय होती है तो उसे कारोबारी आय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. इसके साथ ही इसपर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर को भी कम किया जाना चाहिए. बात दे कि समिति के द्वारा खुदरा निवेशकों को बाजार की तरफ आकर्षित करने के लिए यह सुझाव पेश किया गया है.

इस मामले में सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर वी ईश्वर समिति ने रिपोर्ट पेश कर यह सुझाव दिया है कि कर आकलन अधिकारियों को दिए गए अधिकार को समाप्त कर दिया जाना चाहिए. क्योकि आयकर आकलन अधिकारीयों के द्वारा अपने अनुसार इक्विटी कारोबार आय को कारोबारी आय या अल्प:दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की श्रेणी में रख दिया जाता है.

आगे की जानकारी में यह भी बता दे कि समिति ने इस मामले में यह भी कहा है कि इक्विटी कारोबार से 5 लाख रूपये से कम की आय को यदि अल्पकालिक पूंजीगत लाभ की श्रेणी में रखा जाता है तो इससे ज्यादा खुदरा धन शेयर बाजारों में आ सकता है. गौरतलब है कि जहाँ अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर 15 फीसदी के हिसाब से कर लगाया जाता है तो वहीँ कारोबारी आय पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाता है.

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