नई दिल्ली : जेएनयू विवाद में घिरे छात्र नेता कन्हैया कुमार पर लगे राष्ट्रद्रोह के आरोपों को अमेरिकी मानवाधिकार संगठन ने भी खारिज किया है। शीर्ष अमेरिकी मानवाधिकार इकाई एचआरडब्ल्यू ने भारतीय प्रशासन से कहा है कि वो जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार सहित अन्य शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाना बंद करे।
संगठन का कहना है कि भारतीय प्रशासन को तुरंत उन सभी आरोपों को खत्म कर देना चाहिए, जो स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करते है। पहले अदालत के भीतर हुई घटना की जांच कराई जानी चाहिए और सत्तारुढ़ पार्टी के किसी भी समर्थक या जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
संगठन की दक्षिण एशिया मामलों की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को दंडित करने को आतुर प्रतीत होती है लेकिन राष्ट्रवाद के नाम पर हिंसा को अंजाम देने वाले समर्थकों की जांच को उतनी आतुर नजर नहीं आती।
उन्होंने कहा कि प्रशासन को न केवल यह पता लगाने की जरूरत है कि अदालत के भीतर हमले में बीजेपी समर्थक किस प्रकार शामिल थे बल्कि यह भी पता लगाने की जरूरत है कि पुलिस मूकदर्शक क्यों बनी रही। गांगुली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में भारतीय लोकतंत्र को एक आकर्षक बाजार के रुप में पेश कर रहे है, लेकिन उनके अपने ही घर में उनका प्रशासन शांति पूर्ण असहमति का दमन कर रहा है।