वॉशिंगटन : कई क्षेत्रों में भारत अमेरिका के बीच सहमति के बाद अब खबर आई है कि चोल वंश की शिव-पार्वती की कांसे की प्रतिमा को अमेरिका से भारत लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि तस्करों ने इसे अमेरिका पहुँचा दिया था। इसमें आर्ट डीलर सुभाष कपूर की संलिप्तता जताई जा रही है। उसी के इशारों पर मूर्ति को चुराया गया था। बाल स्टेट युनिवर्सिटी के डेविड आउजले म्यूजियम ऑफ आर्ट ने इस प्रतिमा को अमेरिका के इमीग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) विभाग के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टीगेशन (HSI) को सौंपा है।
HSI के सांस्कृतिक विभाग के एक एजेंट ने इस बात का पता लगाया कि शिव-पार्वती की यह मूर्ति भारत के दक्षिणी प्रांत से चुरा कर अमेरिका लाई गई थी। इस बात का पता उन्हें उनके 'ऑपरेशन हिडन आइडल्स' (छिपी प्रतिमाओं की खोज की कार्रवाई) में चला। इस ऑपरेशन में सुभाष कपूर की गतिविदियों पर नजर रखी गई थी।
फिलहाल कपूर भारत में न्यायिक हिरासत में है। उस पर कई देशों से कई प्राचीन व बेशकीमती चीजें चुराने का आरोप है। जिनकी कीमत लाखों डॉलर में है। पहले इस प्रतिमा को न्यूयॉर्क ले जाया जाएगा, जहाँ इसे सबूत के तौर पर 'ऑपरेशन हिडन आइडल्स' में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद भारत लाने की कवायद शुरु होगी।