कैबिनेट मंत्रियों को आज भी पसंद है अंबेस्डर कार, जाने क्यों
कैबिनेट मंत्रियों को आज भी पसंद है अंबेस्डर कार, जाने क्यों
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देश में अंबेस्डर कार को सिर्फ कार ही नहीं बल्कि देश का गौरव कहा जाता है। क्योंकि जब भी देश में राष्ट्रीय कार का चयन किया जाता तो अंबेस्डर कार को बिना किसी के राय से यह खिताब दे दिया जाता हैं। 2014 में इस कार का प्रोडक्शन कंपनी ने घाटे के वजह से बंद कर दिया। और फिर वर्ष के आरंभ में ही अपने घाटे को कवर करने के लिए हिन्दुस्तान मोटर ने फ्रांसीसी कंपनी पज्यो को अपना यह ब्रांड बेच दिया था। 

आपको बता दे कि आज भी भारत में इस कार का ऐतिहासिक सफर जारी है। आज भी प्रदेश सरकारें अपने कैबिनेट मंत्रियों व अफसरों को अंबेस्डर गाड़ियां प्रदान करती हैं। इसका एक उदाहरण ये है कि यदि आपने हाल ही में बनी उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों को देखा होगा तो इस गाड़ी पर आपकी भी नजर गई होगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्रियों, परिषद अध्यक्षों, राज्य परिषद के सदस्यों व कॉपरेट सोसाइटी के अध्यक्षों को अभी भी सरकारी वाहन सुविधा के तौर पर अंबेस्डर कार दी जाती है।

तो आइए आपको बताए लेटेस्ट अंबेस्डर कार के इंजन के बारे में अंबेस्डर कार पेट्रोल और डीजल के साथ सीएनजी विकल्प में भी बेची जा रही थी। लेकिन सरकारी कार्यों के लिए डीजल इंजन का उपयोग किया जाता था। इस वाहन में 2.0 लीटर का डीजल इंजन जो कि 50 बीएचपी की पावर देता है और इसका माइलेज 15 किमीप्रली तक है।

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