नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा ट्रायल बेसिस पर बार-बार लागू किए जा रहे ऑड-इवन फॉर्मूले को सरकार स्थायी रुप से लागू करने पर विचार कर रही है। इसी कड़ी में सरकार दो साल बाद सभी दोपहिया वाहनों को भी इसके दायरे में ले आएगी। मंगलवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की।
उन्होने कहा कि हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस के मामले में फिलहाल मजबूत नहीं है, इसलिए फिलहाल इसे लागू करना सही नहीं होगा। लेकिन आने वाले दो सालों में हम इस स्थिति तक पहुंच जाएंगे, तब दोपहिया वाहनों पर भी ऑड-इवन फॉर्मूला लागू होगा।
केजरीवाल सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट की ओर से स्वच्छ हवा हमारा अधिकार विषय पर आयोजित सभा में पहुंचे थे। वहां उन्होने कहा कि दिल्ली पूरे विश्व में एकमात्र ऐसी जगह है, जहां ऑड-इवन फॉर्मूला की खुद लोगों ने डिमांड की।
इसके लागू होने से लोगों को ट्रैफिस से राहत मिली है और दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भी 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। केजरीवाल ने कहा कि कार से सफर करने वाले तो कार पूल कर सकते हैं, लेकिन यदि 40 लाख दोपहिया वाहनों पर इसे लागू किया गया तो रोजाना 20 लाख लोगों का भार हमारी बस सेवा व मेट्रो नहीं संभाल सकती और इसके लिए अभी दो साल का समय लगेगा।
कार्यक्रम के दौरान सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने सीएम से कहा कि पंजाब में आप की सरकार आने के बाद आप पराली से नहीं बच सकेंगे। दूसरी ओर ऑड-वन फॉर्मूला पर हाइ कोर्ट ने सरकार से जवांब मांगा है। याचिका में वकीलों को छूट देने की मांग की गई है।
कोर्ट का कहना है कि योजना के पहले चरण में अधिवक्ताओं को छूट देने की बात कही गई थी। सरकार स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताए कि उसने योजना लागू करने से पहले इस दिशा में क्या कदम उठाए थे। अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।