देशभर के आदिवासी फ्लिपकार्ट,अमेजान ,पेटीएम पर
देशभर के आदिवासी फ्लिपकार्ट,अमेजान ,पेटीएम पर
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जी हा अब देश और प्रदेश के आदिवासियों के द्वारा बनाये जा रहें समानों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केट उपलब्ध कराने के लिए फ्लिपकार्ट, अमेजान और पे.टीएम जैसे ई-कार्मस कंपनियों पर उपलब्ध होगें। ऑन लाइन शापिंग के माध्यम से जनजातियों द्वारा बनाने जा रहें समान की मार्केटिंग की जायेगी और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इन समानों को मार्केट उपलब्ध होगा। ई-कार्मस कंपनियों के द्वारा देश के जनजातियों द्वारा बनाये जा रहें उत्पादों को उचित मूल्य दिलाने के लिये भारत सरकार प्रयास कर रही है। उक्त सभी कम्पनियों के साथ-साथ अन्य कॉमर्स कम्पनियों पर भी ये उत्पाद बिक्री के लिये उपलब्ध रहेंगे। इन सभी उत्पादकों की गुणवत्ता अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार रहेगी।

एमडी ट्रायफेक  प्रवीर कृष्ण ने बताया कि जनजातीय समाज द्वारा देश के अलग-अलग अंचलों में 28 राज्यों में जनजातीय द्वारा उनकी संस्कृति के अनुसार सामान, कलाकृति एवं कपड़े बनाये जा रहे हैं। इन सामानों को उचित मूल्या दिलाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केट उपलब्ध कराने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।

देश में ट्रायफेक द्वारा ट्राइब्स के 100 से अधिक शोरूम, 15 से अधिक फ्रेंचचाईजी के माध्यम से उक्त सामानों को प्रदर्शित कर बिक्री की जा रही है। केन्द्र सरकार शून्य लाभ पर यह कार्य कर रही है। ई-कामर्स कम्पनियों के द्वारा अब यह सामान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बिक्री के लिये उपलब्ध रहेगा। जनवरी, 2018 से फ्लिपकार्ड, अमेजान, पे-टीएम, स्नेपडिल आदि साईड पर यह सामान प्रदर्शित होगा। जिससे देश की जनजातियों द्वारा बनाये जा रहे सामानों से उनको लाभ होगा और आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

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