चीन जाने की मांग कर रहा 1962 का युद्ध बंदी
चीन जाने की मांग कर रहा 1962 का युद्ध बंदी
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चीन। भारत में 77 वर्षों से रहने वाले चीन के एक युद्ध बंदी को उम्मीद है कि वह अपने देश जाकर अपने परिजन से मिल सकता है। दरअसल इस युद्ध बंदी का वर्ष 1962 युद्ध में पकड़े जाने के बाद बालाघाट जो कि मध्यप्रदेश में शामिल है वहां पुनर्वास किया गया था। अब यह युद्ध बंदी वांग ची अपने देश जाकर अपने संबंधियों से मिलना चाहता है। वांग ची को भारत - चीन युद्ध के तहत जनवरी 1963 में भारतीय रेडक्राॅस ने पकड़ा था। यह युद्ध बंदी चाहता है कि चीन में अपने भाई और बहन से वह मिल सके।

दरअसल वांग ची के तीन भाई और दो बहनें हैं। वे चीन में रहते हैं। भावुक होकर मीडिया को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मांग की है कि उन्हें उनके देश जाकर उनके संबंधियों से मिलने दिया जाए।

77 वर्षों से भारत में रहने वाले ची बेहद भावुक होकर अपने देश चीन को याद करते हैं। बालाघाट में उन्हें राज बहादुर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी मां के वे प्यारे बेटे थे। वर्ष 2006 में उनकी मां का निधन हो गया। उन्होंने दूरभाष के माध्यम से अपने भतीजे से दिल्ली में बात की थी।

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