दुनिया की अगर बात की जाए तो यहां पर अरबों लोग रहते हैं और न जाने कितने प्रकार की जातियां व जनजातियां निवास करती हैं खास बात यह है कि सभी लोगों के अपने अलग-अलग रीतिरिवाज होते हैं जो दूसरे व अंजान लोगों के लिए ऐसे रीतिरिवाज काफी अचम्भित करने वाले होते हैं आज हम कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो मौत के बाद भी अपने परिजनों को साथ में रखते हैं। दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां के कुछ लोग बुजुर्गों को मरने के बाद भी उनके शरीर को अपने साथ रखते हैं। यह चीज अचम्भित करने वाली जरूर है लेकिन वास्तव में इस देश में ऐसा होता है।
जी हां इंडोनेशिया में एक ऐसा संप्रदाय रहता है जो कि मौत के बाद अपने रिश्तेदारों के शव को दफनाना या जलाना पसंद नहीं करते। ये लोग न सिर्फ मुर्दों को साथ रखते हैं बल्कि उन्हें रोजमर्रा के जीवन में भी शामिल रखते हैं। सुनने में आपको थोड़ा अजीब जरूर लगता होगा लेकिन यह बात बिलकुल सच है। दरअसल इंडोनेशिया के टोराजा संप्रदाय के लोग मानते हैं कि मौत जीवन का अंत नहीं हैं और जो मर गया वो भी जिन्दा है। इन लोगों की खास बात यही है कि ये लोग मुर्दों को तो साथ में रखते है साथ ही इन्हे खाना भी खिलाते हैं। मुर्दों को साथ में रखने की परंपरा किसी एक घर में नही है बल्कि पूरे समुदाय में देखने को मिलती है।
इस संप्रदाय में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसे दफनाने की जगह एक भैंस की बलि दी जाती है। यहां मृत्यु को लोग एक उत्सव की तरह मनाते हैं और बाहर से आए लोगों को मुर्दों से मिलवाया भी जाता है। मृत व्यक्ति को पैतृक दुर्ग में खाने के सामान और सिगरेट के साथ रखते हैं। इसके बाद मृत शरीर को कई वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए उसके शरीर को फॉर्मल्डहाइड और पानी के घोल से सुरक्षित रखते हैं।
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