फैजाबाद : आजाद हिंद फौज के सेनानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस को लेकर कई तरह के दावे किए गए हैं। नेताजी के जीवन से जुड़ी फाईलों को पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार ने सार्वजनिक भी कर दिया है। तो दूसरी ओर उत्तरप्रदेश के फैजाबाद की ट्रेजरी में बंद पड़े गुमनाबी बाबा के सामान को बाहर निकाला जा रहा है। इन सामान में से कुछ ऐसी चीजें मिली हैं जिसके आधार पर वहां के लोग एक बार फिर यह दावा कर रहे हैं कि गुमनामी बाबा ही नेताजी थे।
गौरतलब है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस को लेकर यह बात सामने आई है कि वे कालांतर में एक सन्यासी के तौर पर देखे गए। लोगों द्वारा कहा गया। इस सन्यासी को गुमनामी बाबा कहा जाता था। इस सन्यासी के पास जो फोटो मिले थे वे नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन से जुड़े थे और काफी दुर्लभ थे यही नहीं बाबा के पास से जो बक्सा मिला था उसमें कुछ सामग्री ऐसी थी जो कि नेताजी की माना जाती है। जिसके आधार पर लोगों ने दावा किया था कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।
मिली जानकारी के अनुसार गुमनामी बाबा से जुड़ी वस्तुओं के पिटारे से जो टाईपराईटर और अन्य सामग्री मिली है। जापानी क्राकरी का सेट भी निकला है। उसने नेताजी से जीवन के रहस्यों को उलझा दिया है। बक्से से बहुत सारी किताबें भी मिली हैं जो नेताजी से जुडी हुई दिख रही हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वो किताबें हैं जब भारत हिन्द फौज की स्थापना हुई थी और वे जर्मनी में रह रहे थे।
बाबा के पास मिले 22 वें बक्से से 350 पुस्तकें और 100 अन्य सामान मिला था। जो कि गुमनामी बाबा की राजनीतिक जिज्ञासा को दर्शाता था। ये किताबें योग, सम्मोहन, तंत्र, हस्तरेखा, चिकित्सा और अन्य बातों के बारे में थीं। उनके पास ऐसी दूरबीन भी मिली थी जो जर्मनी में निर्मित थी। हालांकि अभी भी इस बात में आश्चर्य है कि गुमनामी बाबा और नेताजी में कितनी समानता थी। पूरी कवायद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के तहत की जा रही है।