तिरूवनंतपुरम: सबरीमाला मंदिर के बोर्ड प्रमुख इन दिनों सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने एक विवादित बयान देकर महिलाओं को अपने विरूद्ध कर लिया है। महिलाओं द्वारा इस तरह के बयान का विरोध किया गया है। अब यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है और बड़े पैमाने पर महिलाओं ने ट्विट कर इस बारे में टिप्पणियां की हैं। दरअसल महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए अपने मासिक धर्म का परीक्षण करवाने पर जोर दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार मंदिर प्रशासन के विरूद्ध महिलाऐं सोशल नेटवर्किंग साईट के माध्यम से अपनी भड़ास निकाली जा रही है। ट्विटर पर लोगों द्वारा हैप्पी टू ब्लीड हैशटेग के ही साथ अभियान को अंजाम दिया है। विवाद तब और बढ़ गया जब मंदिर प्रबंधन को निकिता आजाद नामक लड़की द्वारा पत्र लिखकर अपना विरोध जताया गया।
उल्लेखनीय है कि मंदिर की परंपरा है कि यहां 10 वर्ष से 50 वर्ष तक महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। मगर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की मांगें पहले भी उठती रही हैं। इस मामले में मंदिर प्रशासन के अध्यक्ष प्रयार बालकृष्णन द्वारा यह भी कहा गया था कि महिलाओं की शुद्धता की जांच करने वाली मशीन आने के बाद महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिए जाने का विचार किया जा सकता है।