Jun 14 2016 03:25 PM
आम आदमी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया है, जिसमें AAP के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का प्रस्ताव था।
गृहमंत्रालय के सूत्रों की माने तो बिल पर राष्ट्रपति के दस्तख़त से इनकार के बाद आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं.
ऐसे में सभी विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी, जिसके बाद इन 21 सीटों पर दोबारा चुनाव कराया जा सकता है।
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