हमने आजतक कई घर देखे है जो की मानव निर्मित होते है। मानव के हाथो से बनाए घर बहुत ही वैभवपूर्ण होते है। सुसज्ज्तीत होते है। व्यक्ति चाहता है की वह जहां भी रहे उसे सभी प्रकार का ऐशो-आराम मिले। लेकिन ईरान का एक गांव ऐसा भी है जहां इंसान अपने घरों को पक्षी के घोसलों की तरह बनाते हैं। लेकिन आखिर क्यों बनाते हैं यहां के लोग ये घोसलों जैसे घर . हम आपको बताते है। ये घर दिखने में भले ही अजीब क्यों न हों लेकिन आराम के मामले में ये आम घरों से बहुत ज्यादा बेहतर हैं। बदलते मौसम में इन घरों का तापमान भी बदल जाता है,
गर्मी के समय ये घर ठंडे रहते हैं। वहीं सर्दी के समय ये घर गर्म रहते हैं। यही कारण है कि ये लोग यहां ऐसे घरों का निर्माण होता है। लेकिन इस बीच एक अहम सवाल ये है कि इन घरों का निर्माण कब और कैसे हुआ ईरान के गाँव कंदोवन जो की 700 साल पुराना है ऐसा है जहाँ लोग चट्टानों में घोसला बना कर रहते हैं। ईरानियों ने यह गांव मंगोलों के हमलों से बचाने के लिए बनाए थे। मंगोलों के हमलों से बचाने के लिए ईरानियों ने ज्वालामुखी से बनी चट्टानों को खोद कर ये घर बनाए थे।