गंगा करती है हनुमान जी का चरण स्पर्श
गंगा करती है हनुमान जी का चरण स्पर्श
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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूरे भारत में यह एक मात्र मंदिर है, जहां बजरंगबली लेटे हुए हैं तथा हर वर्ष गंगा मैया खुद उन्हें स्नान कराती हैं. कुल मिलाकर ये अनूठा संगम है.

आइए जानते हैं लेटे हुए हनुमान जी के बारे में..

ये अनोखी हनुमान जी की मूर्ति 20 फीट लंबी है. और आपको बता दें हनुमान जी की यह इकलौती प्रतिमा है जो लेटी हुई मुद्रा में है. संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है. इसे बड़े हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

कहा जाता है कि लंका पर विजय के बाद देवी सीता ने हनुमान जी को आराम करने के लिए कहा था. इसके बाद उन्होंने प्रयाग में आकर विश्राम किया था. ये वही पवित्र स्थान है.इस सिद्ध प्रतिमा का अभिषेक खुद मां गंगा करती हैं. हर साल सावन में लेटे हनुमान जी को स्नान कराने के बाद वह वापस लौट जाती हैं. कहा जाता है कि गंगा का जल स्तर तब तक बढ़ता रहता है जब तक कि गंगा हनुमान जी के चरण स्पर्श नहीं कर लेती, चरण स्पर्श के बाद गंगा का जल स्तर अपने आप गिरने लग जाता है और सामान्य हो जाता है.

इस दृश्य को देखने इलाहाबाद के आसपास से हजारों लोग वहां पहुंच रहे हैं. काफी लोगों के लिए यह चमत्कार जैसा ही है. आपको बता दें गंगा मैया जब स्नान कराकर पीछे चली जाती हैं तब रीति-रिवाज़ के हिसाब से पूजा-अर्चना होती है तथा उसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए जाते हैं. हनुमान जी की इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि अंग्रेज़ों के समय में उन्हें सीधा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन वे असफल रहे थे. जैसे-जैसे लोगों ने ज़मीन को खोदने का प्रयास किया, मूर्ति नीचे धंसती चली गई.

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