पढ़िए, प्रधानमंत्री मोदी के नववर्ष सन्देश के सभी बिंदु
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नई दिल्ली : नववर्ष की पूर्व संध्‍या पर प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और देशवासियों को कई बड़े तोहफे देते हुए विश्वास दिलाया कि नववर्ष में नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियां कम होंगी। नरेन्द्र मोदी ने आवास योजना को लेकर दो बड़ी योजनाओं की घोषणा भी की।

उन्होंने आवास योजनओं के तहत  9 लाख से 12 लाख तक के आवास ऋण पर ब्‍याज में 3 फीसदी और 9 लाख तक के कर्ज पर 4 फीसदी की छूट की घोषणा की। साथ ही बताया कि अब गावों में पहले की घोषित संख्या से 33 % अधिक घर बनाये जायेंगे और गांव में घर बनाने के लिए 2 लाख तक के कर्ज पर ब्‍याज में भी 3 फीसदी की छूट दी जायेगी। 

'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी'

 

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि यह देश के लिए एक 'शुद्धि यज्ञ' था। भविष्य में यह देश की दशा और दिशा तय करेगा। चूँकि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोटों के जाल के कारण साधारण आदमी को भी मजबूरन घूस देना पड़ता था । इस लिए करोड़ों देशवासी इससे बाहर निकलना चाहते थे। यही वजह है कि आम लोगों ने इस कड़े कदम का पूरा समर्थन किया।  

इसी सन्दर्भ में उन्होंने जोड़ा कि दिवाली के बाद से देशवासी ढृढ़ संकल्प के साथ सतत बुराईयों को पराजित करने के लिए लड़ रहे हैं। इसीलिए तो कहते हैं कि 'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी'। कभी लगता था कि सामाजिक जीवन की बुराईयां व विकृतियां हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं, लेकिन इस घटना ने हमें इस धारणा पर पुन: विचार करने पर विवश कर दिया है और दिखाया है कि हर हिंदुस्तानी के लिए अच्छाई महत्व रखती है। इस प्रकार की कई बातों के द्वारा उन्होंने नोटबंदी के कष्टों को झेलते हुए सरकार का साथ देने के लिए आम लोगों की भरपूर प्रशंसा की और उनका धन्यवाद किया।  

नकदी सम्बन्धी तकलीफे कम होगी 

उन्होंने भरोसा दिलाया कि नववर्ष में स्थिति को हो सके उतना जल्दी सामान्य बनाने की पूरी कोशिश होगी। खासकर दूर दराज वाले इलाकों में बैंकों को सामान्य स्थिति में जल्द लाया जायेगा। यह भी कहा कि विश्व में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जिससे हमने जो किया है उसकी तुलना की जाए। हमारी अर्थव्यवस्था में ये आवश्यकता से अधिक बढ़े हुए नोट मंहगाई, कालाबजारी बढ़ा रहे थे। जबकि देश के गरीबों से उनका अधिकार छिन रहे थे।उन्होंने माना कि अर्थव्यवस्था में नकद का अभाव तकलीफदेह होता है  पर कहा कि नकद की अधिकता का प्रभाव भी तकलीफदेह होता है, इसलिए  हमारा प्रयास है कि इसका संतुलन बना रहे। साथ ही जोड़ा कि अगर आज लाल बहादुर शास्त्री, राम मनोहर लोहिया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, बाबासाहेब आंबेडकर या कामराज होते तो वे देश को आशीर्वाद देते। 

लोग अपनी आय के बारे में खूब झूठ बोलते हैं  

प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि इस जानकारी से या तो आपको हंसी आएगी या बहुत गुस्सा आएगा, पर यह एक कड़वी सच्चाई है कि देश में सिर्फ और सिर्फ 24 लाख लोग ही अपनी आमदनी दस लाख से ज्यादा बताते है, जबकि कोई भी यदि अपने आसपास के संपन्न लोगों को ही देखें तो समझ में आ जाएगा कि एक ही शहर में 10 लाख से तो ज्यादा लोग होते है जो इससे अधिक कमाते हैं। इस झूठ के चलते केवल 24 लाख लोग ही आयकर का अधिकांश भाग देते हैं । अब कानून अपना काम पूरी कठोरता से करेगा।साथ ही सरकार के लिए यह भी प्राथमिकता है कि ईमानदारों को मदद और सुरक्षा कैसे मिले और इसके लिए ज्यादा जिम्मेदारी अफसरों की है कि ईमानदारों की मदद हो और बेईमान अलग थलग हो।  

नौजवान हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौट रहे हैं
नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के फायदे बताते हुए कहा कि पुरी दुनिया में सर्वमान्य तथ्य है कि आतंकवाद, नक्सलवाद, हथियार के कारोबार में जुड़े लोग कालेधन पर ही निर्भर रहते हैं और यह समाज के लिए नासूर बन गया है। इन सबको इस एक फैसले ने बड़ी चोट पहुंचायी है, जिससे काफी संख्या में नौजवान हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट रहे हैं। यह भी जोड़ा कि पिछले कुछ दिनों की खबरों से यह साफ हुआ है कि बईमानी से अपना रास्ता बनाने वाले फंस गये हैं और नई टेक्नोलॉजी के कारण उनका बचना मुश्किल हो गया है, अब उन्हें मुख्यधारा में वापस आना ही होगा। 

बैंक मध्यम और निम्नमध्यम वर्ग को अधिक ध्यान में रखें 

बैंकों के कामकाज के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों ने नोटबंदी के दौरान काफी मेहनत की और सराहनीय काम किया।किन्तु कुछ बैंक अधिकारीयों के गंभीर अपराध भी सामने आये हैं, ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जायेगा। उन्होंने इसी सन्दर्भ में आज की स्थिति को एक ऐतिहासिक अवसर बताते हुए बैंकों से आग्रह पूर्वक कहा कि इतिहास गवाह है कि हिंदुस्तान के बैंकों में कभी भी एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में और इतने कम समय में करेंसी कभी नहीं आई थी। इस अवसर का उपयोग करते हुए व बैंकों की स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए उन्होंने आग्रह किया कि वे खासकर निम्न-मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग को ध्यान में रखकर काम करे और लोकहित या गरीब कल्याण के इस अवसर को हाथ से ना जाने दे। 

कुछ नयी योजनाओ की सौगात 

पीएम मोदी ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर दो नयी योजनाओं का ऐलान भी किया और कहा कि स्वतंत्रता के इतने साल के बाद भी लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है। आगे बताया कि, निम्न व मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें इसके लिए सरकार ने आवास योजनाओ में दो बड़े फैसले लिये हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नये घर देने के लिए दो नयी स्कीम बनायी है। इसके तहत 2017 में 9 लाख के तक के कर्ज में 4 फीसदी और 12 लाख तक के कर्ज पर 3 फीसदी की छूट दी जायेगी। यह भी जोड़ा कि गांवों में जितने घर बनने वाले थे, अब उससे 33 फीसदी ज्यादा घर बनेंगे। इसके आलावा 2017 में जो लोग गांव में अपने घर का निर्माण करना चाहते हैं, उन्हें 2 लाख रुपये तक के ऋण में 3 प्रतिशत ब्याज की छूट दी जायेगी।

किसानों और लघु उद्योगों के लिए ऐलान  
नरेन्द्र मोदी ने किसानों को खुश करते हुए बताया कि उनके कर्ज का 60 दिन का ब्याज अब सरकार वहन करेगी। यह बताया कि इसके लिए नाबार्ड ने पिछले महीने 21 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी, अब इसमें सरकार 20 हजार करोड़ रुपये और जोड़ रही है, जिससे नाबार्ड को इस काम में हो रहे नुकसान को सरकार वहन करेगी। यह भी ऐलान किया कि अगले 3 महीने में 3 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदल दिया जायेगा, जिससे किसान अब कहीं पर भी रुपे कार्ड से पैसे निकाल सकेंगे। प्रधानमंत्री ने MSME अर्थात सूक्ष्म, लघु व माध्यम उद्योगों के लिए भी वादा किया कि अब उनकी क्रेडिट गारंटी 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये हो जायेगी। बैंकों से आग्रह किया कि बैंक छोटे व्यापारी को लोन दे, उसकी गारंटी हम लेंगे। सरकार के इस फैसले का मतलब है कि अब छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और लघु,कुटीर व माध्यम उद्योगों को अधिक कर्ज मिलेगा तथा इन पर ब्याज दर भी कम होगी। उन्होंने आगे बताया कि व्यापारी द्वारा डिजिटल लेन-देने करने पर उसके आयकर की गणना वार्षिक व्यापार के 6 प्रतिशत को आय मानकर की जायेगी; जिससे उनका टैक्स कम हो जायेगा।

गर्भवती महिलाओं को 6 हजार की आर्थिेक मदद
यह घोषणा भी की कि अब देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलीवरी के लिए छह हजार रुपये की मदद करेगी और यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जायेगी। अब तक यह योजना 53 जिलों में ही चल रही थी और उसमें चार हजार रुपये की ही मदद दी जाती थी।

वरिष्ठ नागरिकों को विशेष राहत  
इस भाषण में वरिष्‍ठ नागरिकों को विशेष राहत देते हुए कहा गया कि सामान्यतः बैंक में ज्यादा पैसा आने पर बैंक इंट्रेस्ट रेट घटा देते हैं, लेकिन अब वरिष्ठ नागरिकों के मामले में इसके उलट, उनके साढ़े सात लाख रुपये की जमा-राशि पर दस साल के लिए ब्याज बढाकर 8 प्रतिशत दिया जायेगा। 

राजनीतिक दलों से आग्रह     
प्रधानमंत्री ने राजनैतिक दलों को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है, जब देश के सभी दल आम लोगों की भावना का ध्यान रखें और सभी दल अपने ऊपर बंधनों को स्वीकार करें। आवश्यकता है कि पारदर्शिता को प्राथमिकता देने के लिए सही कदम उठाये जाये। अब देश के सामान्य नागरिक से लेकर राष्ट्रपति तक ने लोकसभा और राज्यसभा चुनाव साथ कराने पर अपनी राय दी है। इस पर बहस हो और इसका रास्ता खोजा जाये, चूँकि हमारे देश में हर सकारात्मक पहल के लिए स्थान रहा है।

अंत में उत्साहपूर्ण आह्वान
उन्होंने भाषण के अंत में गांधीजी व उनके चंपारण सत्याग्रह को याद किया और कहा कि दिवाली के बाद जो घटनाक्रम रहा, निर्णय हुआ, नीतियां बनी, उनका मुल्यांकन तो अर्थशास्त्री करेंगे ही, लेकिन देश के नागरिक और इतिहासकार भी करें।अंत में कहा,

"जब देशवासियों ने धैर्य का दर्शन कराया है, आज से 100 साल पहले चंपारण में सत्याग्रह का आंदोलन चला था तब भी हमनें देखा है और अब भी सच्चाई और अच्छाई का मुल्य है। चंपारण सत्याग्रह के अवसर पर महात्मा गाँधी को याद करते हुए आगे बढ़ेंगे तो इसमें कोई परेशानी नहीं आयेगी। सत्य का आग्रह संपूर्ण सुरक्षा की गारंटी है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमारा देश पीछे रह जाये। नववर्ष की नई किरण आ रही है, आइये हम नये उज्जवल भविष्य का निर्माण करें !!"

-हरिप्रकाश 'विसन्त'

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