फेफड़ो की समस्या के लिए फायदेमंद है बियर रुट का सेवन
फेफड़ो की समस्या के लिए फायदेमंद है बियर रुट का सेवन
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आधुनिक चिकित्सा पद्धति या दवाओं के विकास से पहले रोगों का निदान व उपचार घरेलू नुस्खों की मदद से किया जाता था और पीढ़ी दर पीढ़ी ये नुस्खे अगली नस्लों तक पहुंचते रहते थे. ओशा या बीयर रूट भी एक ऐसी ही हर्ब है जो कई सालों पहले से इस्तेमाल की जा रही है और इसके परिणाम भी साबित किए जा चुके हैं. ओशा को आमतौर पर चिकित्सा और आध्यात्मिक प्रायोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

चलिए जानते हैं ओशा की जड़ क्या है और इसके क्या फायदे होते हैं.

1-गले व फेफड़ों से सायनस और बलगम को बाहर करने के अलावा ये हर्ब सांस की समस्या को भी ठीक करती है. इसके अलावा ओशा फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ा देती है, जिससे फेफड़ो में सकुंचन की समस्या नहीं होती है और वे आराम से ऑक्सीजन ले पाते हैं. 

2-फेफड़ों के लिए तो ओशा की जड़ के सेवन को कमाल ही माना जाता है. वे लोग जो अस्थमा, एलर्जी, वातस्फीति और निमोनिया आदि से पीड़ित होते हैं, को ओशा की जड़ से बेहद फायदा होता है.

3-आज के समय में भी ओशा की जड़ को इसके एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है. आज भी फ्लू या आम सर्दी के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर या कफ आदि की समस्या होने पर ओशा की जड़ का सेवन किया जाता है. 

4-इसका उपयोग गले में खराश, साइनस और फेफड़ों में सूजन आदि के उपचार के लिए भी किया जाता है. इसकी जड़ को शहद के साथ मिलाकर लेने पर ये एक कमाल के कफ सीरप का काम करता है. साथ ही ओशा की जड़ का सेवन ऊंचाई पर चढ़ने या स्टैमिना बढ़ाने और आराम से सांस लेने के लिए भी किया जाता है.

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