लखनऊ: भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में एक तरफ जहां राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने आज धर्मसभा का आयोजन किया है तो दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में लगने वाली भगवान राम की भव्य मूर्ति की स्थापना के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. अयोध्या में लगने वाली भगवान राम की मूर्ति को लेकर सीएम योगी के सामने एक प्रेजेंटेशन दिया है. जिसमे भगवान राम की
221 मीटर ऊँची मूर्ति लगाए के सम्बन्ध में एक मॉडल पेश किया था, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकृति दे दी है.
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मध्य प्रदेश में तमाम रैलियों को संबोधित करने के बाद शनिवार रात जब मुख्यमंत्री लखनऊ पहुंचे तो उन्हें भगवान राम की प्रतिमा का प्रेजेंटेशन दिखाया गया. इसमे कुल 5 आर्किटेक्ट फर्मों ने अपना प्रस्ताव पेश किया और भव्य राम मूर्ति लगाए जाने का मॉडल प्रस्तुत किया. भगवान राम की प्रतिमा की प्रस्तावित ऊंचाई 151 मीटर थी, लेकिन इसके पैडेस्टल की ऊंचाई को भी शामिल कर लिया जाए तो यह 50 मीटर ऊँची हो जाती है, साथ ही 20 मीटर का छत्र भी होगा जो भगवान राम की मूर्ति के उपर लगेगा. ऐसे में इस पूरी मूर्ति की ऊंचाई 221 मीटर होगी, ऐसे में इस मूर्ति की ऊंचाई सरदार पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा से भी ज्यादा हो जाएगी.
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जिस दौरान इस मूर्ति के प्रेजेंटेशन को पेश किया गया उस समय सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने वाले कलाकार राम सुतार भी वहीं थे. भगवाम राम की इस मूर्ति को जिस पैडेस्टल पर खड़ा किया जाएगा उसका इस्तेमाल जनसुविधायों के साथ अन्य अहम चीजों के लिए किया जएगा. भगवान राम के वंश का नाम इक्ष्वाकु वंश था, जिसकी पूरी जानकारी भी यहां स्थित म्यूजियम में होगी, साथ ही भगवान विष्णु के सभी 10 अवतारों का चित्रण भी किया जाएगा.
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