बिजली की किल्लत से बचने के लिए कोयला सचिव ने किया ये काम

देश भर में लॉकडाउन के दौरान भी कोयले का उत्पादन जारी रहेगा. ताकि कोरोना से लड़ाई में बिजली की कमी न पड़े. देश भर के सभी कोयला उत्पादक राज्य की खदानों को कोयला सचिव की तरफ से ये निर्देश जारी किए गए हैं. यह नियम निजी कोयला खदान पर भी लागू होगा.

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यह तो सबको पता है कि कोयला उत्पादन आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आता है जिसे देखते हुए यह निर्देश जारी किया गया है. कोरोना संकट की वजह से सरकार की तरफ से आगामी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया है और हालात काबू में नहीं आने पर आगे भी इस प्रकार की स्थिति की संभावना बन सकती है. ऐसे में, बिजली की कटौती से कोरोना के फैलने का डर पैदा हो सकता है और अस्पतालों में इलाज भी प्रभावित हो सकता है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आने वाले समय में गर्मी के बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ जाएगी और कोयले की कमी से बिजली उत्पादन में कमी आ सकती है. क्योंकि कोरोना के विश्व स्तरीय महामारी बनने के बाद फिलहाल कोयले का आयात भी अगले दो-तीन माह तक आसान नहीं दिख रहा है. वित्त वर्ष 2018-19 में बिजली उत्पादन के लिए भारत में 23.52 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह आयात 20.87 करोड़ टन था. भारत आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया जैसे देशों से कोयले का आय़ात करता है.

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