कानून से बचने वालों को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दी नसीहत

गुरुवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि उच्च सदन के सदस्यों को किसी भी जांच एजेंसी की ओर से तलब किए जाने पर उपस्थित होने से बचने का प्रयास नहीं करना चाहिए. कानून और कानूनी प्रावधानों का सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है. शून्यकाल के तत्काल बाद बिना किसी का नाम लिए खुद ही वेंकैया नायडू ने कहा, 'मैं सदस्यों से कहना चाहूंगा कि उन्हें सदन की जिम्मेदारी का हवाला देते हुए किसी भी जांच एजेंसी के समक्ष पेशी को टालना नहीं चाहिए. हम खुद ही कानून बनाते हैं, इसलिए हमें कानून और कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए.

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यह सभी मामलों में लागू होता है. आप यह कह सकते हैं कि संसद सत्र जारी है, इसलिए दूसरी तिथि तय की जाए. लेकिन, आप कानून प्रवर्तन एजेंसियों को टाल नहीं सकते. मैं केवल कानून और नियमों के प्रावधानों की व्याख्या कर रहा हूं.' नायडू की घोषणा की कुछ सदस्यों ने सराहना की.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राज्यसभा सदस्य और एस्सेल समूह के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा हाल ही में चालू संसद सत्र और दूसरे कारणों का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए थे. ईडी ने यस बैंक प्रवर्तक राणा कपूर व अन्य के खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग मामले में पेश होने के लिए सुभाष चंद्रा के खिलाफ समन जारी किया था.

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