छुपे हुए कोरोना संक्रमितों की पहचान कर सकता है यह 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग'

पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन 2 लागू कर दिया है. ताकि कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाई जा सके. वही, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान में डॉग्स एक अहम भूमिका निभा सकते हैं. ऐसा कहना है केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत स्निफर डॉग विभाग से जुड़े एक पशु चिकित्सक का. उनका मानना है कि कोविड-19 के रोगियों की जांच के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स' का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय के पुलिस K9 सेल के सलाहकार निदेशक, कर्नल (डॉ) पीके चुग ने जोर देते हुए कहा कि दुनिया में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' का इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में संक्रमित लोगों की संख्या 20 हजार के आंकड़े को पार कर गई है, जबकि वैश्विक स्तर पर मरीजों की संख्या 25 लाख के पार है.

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अपने बयान में आगे कर्नल चुग ने एएनआइ को बताया कि 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' का मतलब कुत्तों द्वारा किसी मेडिकल बीमारी की पहचान करना है. उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि कुत्ते विस्फोटक और ड्रग्स की खोज करने में माहिर होते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुत्तों को कई अन्य चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. इनमें से मेडिकल डिटेक्शन एक उभरता हुआ विषय है, जिस पर बहुत काम किया गया है. विदेशों में विभिन्न प्रकार के कैंसर का पता लगाने में इनका सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है.

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