क्या मसूद अज़हर को बचाने के लिए अमेरिका से टकराएगा चीन ?

न्यूयॉर्क: पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने और उसे प्रतिबंधित सूची में डालने को लेकर अमेरिका ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव के ड्राफ्ट को पेश किया है। अमेरिका के इस कदम से चीन के साथ उसके टकराव की संभावनाएं बढ़ गई है। इससे पहले चीन ने, इसी महीने मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को यूएन सैंक्शंस कमिटी में रोड़ा लगा दिया था। 

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इसी के बाद अमेरिका ने अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए सीधे सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। अमेरिकी प्रस्ताव को फ्रांस और ब्रिटेन ने समर्थन दिया है, जिन्होंने इसी माह अजहर के विरुद्ध अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट कमिटी में प्रतिबंध के प्रस्ताव पर अमेरिका का समर्थन किया था। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF काफिले पर फिदायीन आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले में CRPF के 44 जवान शहीद हुए थे और इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहरा गया था। 

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प्रस्ताव के ड्राफ्ट में पुलवामा फिदायीन हमले की आलोचना की गई है और अजहर को अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूहों की प्रतिबंधित सूची में डालने की मांग उठाई गई है। अगर यूएन से बैन लग जाता है तो मसूद अजहर की विदेश यात्राओं पर भी पाबन्दी लग जाएगी। इसके साथ ही उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकेंगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ड्रॉफ्ट रिजॉलूशन पर मतदान कब होगा, किन्तु पिछली बार की तरह चीन इस बार भी इसके खिलाफ वीटो का उपयोग कर सकता है। आपको बता दें कि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और रूस के साथ ही चीन सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों में शामिल है, जिनके पास वीटो के उपयोग का अधिकार है। 

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