शुक्रवार को मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चार दशक में पहली बार संकुचन की ओर जा सकती है। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से कम खपत और सुस्त व्यावसायिक गतिविधि के चलते आर्थिक क्षति हुई है। कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई थी और यह छह वर्षों में अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ रही थी, इसको उबारने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा भी की गई थी। RBI : क्या धीमी रहने वाली है आर्थिक विकास दर ? आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने एक रिसर्च नोट में कहा हम उम्मीद करते हैं कि मार्च 2021 (वित्तीय वर्ष 2020-21) में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी संकुचन के दौर में रहेगी। हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। NDRF में भी कोरोना का अटैक, सब इंस्पेक्टर पाए गए पॉजिटिव इसके अलावा उसने कहा कि भारत में कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए लगातार लॉकडाउन बढ़ाने से आर्थिक क्षति हो रही है, इसे अब 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च को कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसे तीन बार बढ़ाया गया है, जिसका चौथा चरण 31 मई को समाप्त होगा। वंदे भारत मिशन के तहत पहला विमान पहुंचा जयपुर, 138 प्रवासी भारतीय पहुंचे स्वदेश WHO एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन बने डॉ. हर्षवर्धन ने संभाला पदभार, बोले- चुनौतियों से मिलकर लड़ेंगे अम्फान: सीएम केजरीवाल ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ, ओडिशा और बंगाल के लिए कही ये बात