अफगानिस्तान की शांति के समर्थन में आया भारत, आतंकवाद पर लग सकती लगाम

सोमवार को भारत ने अफगानिस्तान में शांति बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया है. जिसका ​नतीजा है, कि अब नजर आने लगा है. दोनों देशों के संबधों में स्थिरता लाने के लिए कई प्रयास किए गए है. बता दे कि एक समावेशी, अफगान नेतृत्व वाले, अफगान-स्वामित्व वाले और अफगान-नियंत्रित सुलह प्रक्रिया के महत्व पर जोर दिया.अफगानिस्तान के साथ क्षेत्रीय भागीदारों को लेकर एक विशेष बैठक हुई है. वही,  एक ऑनलाइन बैठक के दौरान भारत ने यह विचार व्यक्त किया है. 

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अपने बयान में विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ ने बताया कि बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसकी अध्यक्षता अफगान राष्ट्रपति मुहम्मद अशरफ गनी ने की.संयुक्त राष्ट्र सहित 20 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने विचार-विमर्श में भाग लिया।

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इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार गनी ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने का निर्णय लिया है. वही, अफगानिस्तान की मदद करने और क्षेत्र में ताकत बढ़ाने के लिए मिलकर प्रयास करने के लिए दक्षेस नेताओं की बैठक हुई. इस पूरे आयोजन की मेजबानी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया. भारत अफगानिस्तान के सबसे बड़े विकास भागीदारों में से एक है. भारत ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि अफगानिस्तान में टिकाऊ शांति हासिल करने के लिए आतंकवाद के सुरक्षित ठिकानों पर रोक लगाना आवश्यक है.

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