मजदूरों को घर भेजने के लिए जमा हुआ था पैसा, सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात

भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई से अपने गांव लौट रहे मजदूरों की यात्रा के लिए जमा कराए गए 25 लाख रुपये को यात्रा के दौरान जान गंवाने वाले पांच मजदूरों के परिजनों को देने का निर्देश दिया है. एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में उक्त रकम जमा कराई थी.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता (वकील) ने अपने आवेदन में कहा है कि उसने रजिस्ट्री में जो पैसे जमा कराए थे, उसे घर लौटते समय जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर बांट दिया जाना चाहिए.

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अपने बयान में पीठ ने कहा कि याचिका में जान गंवाने वाले पांच मजदूरों के नाम दिए गए हैं. याचिकाकर्ता ने इनके परिजनों को उक्त रकम देने का अनुरोध किया है. याचिकाकर्ता शगीर अहमद खान के वकील ने पीठ से कहा कि वह दो हफ्ते में इन पांचों मजदूरों के घरवालों के आवासीय पते समेत विस्तृत जानकारी मुहैया करा देंगे. वही, पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से उपरोक्त जानकारी मिलने के बाद सारी औपचारिकताएं पूरी करने और मजदूरों के परिजनों को पैसे देने को कहा है. पीठ ने कहा कि उसके चार जून के आदेश का पालन करते हुए याचिकाकर्ता ने 25 लाख रुपये जमा कराए थे. वकील ने कहा था कि इस धनराशि का उपयोग मुंबई से संत कबीर नगर और उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों को लौटने वाले मजदूरों के किराये के रूप में किया जाए.

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