डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की क्वारंटाइन रहने की समयसीमा घटी, जानें क्यों

कोरोना काल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों, नर्सिंग अफसरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्वारंटाइन की अवधि को 14 दिन से घटाकर एक हफ्ता कर दिया है. किसी कोरोना संक्रमित या सांस की बीमारी के मरीज के संपर्क में आने की स्थिति में उन्हें क्वारंटाइन में जाना होता है.

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वायरस को लेकर मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, डॉक्टर या अन्य स्वास्थ्यकर्मी के प्रोफाइल को देखते हुए नोडल अफसर या विभाग प्रमुख उन्हें अतिरिक्त सात दिन क्वारंटाइन में रहने का निर्देश दे सकते हैं. यह एडवाइजरी कोविड और नॉन-कोविड सभी विभाग में काम करने वाले चिकित्साकर्मियों के लिए है. साथ ही, सरकार ने कहा है कि क्वारंटाइन की अवधि बढ़ाते समय उनकी आयु एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखा जाएगा. यह इस पर भी निर्भर करेगा कि वह कब और कैसे किसी मरीज के संपर्क में आए हैं. यदि चिकित्साकर्मी किसी संक्रमित से इस तरह संपर्क में आया है कि संक्रमण फैलने की आशंका बहुत कम है, तो उसे काम पर आने की अनुमति होगी.

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मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, इस मामले में उसे स्वयं ध्यान देना होगा और किसी भी तरह का लक्षण सामने आने पर संबंधित प्रक्रिया अपनाई जाएगी. मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जिस तरह की जानकारियां सामने आई हैं, उसी के आधार पर चिकित्साकíमयों के लिए यह नई एडवाइजरी जारी की गई है. वही, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन भुगतान समय पर करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस निर्देश का अनुपालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

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