भारत में इस समय लॉकडाउन के चलते अभी सड़कें खाली हैं और विमान, ट्रेने भी ठप्प है. लेकिन लॉकडाउन खुल जाए तो फिर ट्रैफिक सड़कों पर बढ़ जाएगा. सड़कों की यह भीड़ वायरस के फैलने का कारण बन सकती है. इसलिए दुनिया भर के ट्रैफिक साइंटिस्ट योजना बना रहे हैं कि कैसे सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए यातायात को जारी रखा जा सकता है. उन्नाव ही नहीं बल्कि इस शहर में भी बढ़ रहा है संक्रमितों का आंकड़ा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आईआईटी (बीएचयू) के असिस्टेंट प्रोफेसर और ट्रांसपोर्टेशन विशेषज्ञ अंकित गुप्ता ने बताया कि अब लोग अपने वाहन खासकर कार पर जोर देंगे, क्योंकि यह वाहन संक्रमण से सबसे ज्यादा सुरक्षित होगा. वहीं, कारों में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे भीतर के कीटाणु मर जाएं, जैसे अल्ट्रावायलेट लाइट तकनीक. कोरोना वारियर्स को सलाम करेगी सेना, भोपाल में फ्लाईपास्ट करेगा आर्मी का फाइटर प्लेन इसके अलावा अंकित ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन को ज्यादा साफ बनाना होगा. थूकने या गंदगी फैलाने पर सजा और जुर्माने के प्रावधान कड़े हो सकते हैं. यात्रा से पहले वाहन के चालकों और यात्रियों की जांच जरूरी होगी. हर सार्वजनिक वाहन, चाहे वह ट्रेन हो या विमान, प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था होगी. इसी तरह बस स्टॉप, बस डिपो और मेट्रो स्टेशन हर जगह को सैनेटाइज किया जाएगा. वाहनों को भी सैनेटाइज किया जाएगा. अंकित कहते हैं कि यही वह वक्त है, जब सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाया जा सकता है. जब खाने के लिए भी नहीं बचा पैसा, तो पैदल घर जा रहे मजदुर ने लगा ली फांसी जम्मू कश्मीर से बुरी खबर, आतंकियों से मुठभेड़ में मेजर-कर्नल सहित 5 जवान शहीद नासिक से मजदूरों को लेकर यूपी पहुंची पहली स्पेशल ट्रेन, गृहराज्य पहुंचे 800 श्रमिक