चीन ने अंतरिक्ष पर अपनी बादशाहत बनाने के लिए भेजे दो नए सेटेलाइट

दुनियाभर के देशों के बीच इस समय अंतरिक्ष में पैर जमाने की होड़ मची हुई है. इसी कड़ी में चीन अंतरिक्ष में सुपर पॉवर बनना चाहता है इसी दिशा में अंतरिक्ष में वो नए उपग्रह भेजता रहता है. रविवार को चीन ने अंतरिक्ष में दो नए सेटेलाइट भेजे हैं. चीन की ओर से उत्तर पश्चिम चीन के जियुकान सेटेलाइट लॉच सेंटर से इसे भेजा गया है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन की ओर से जो दो वैश्विक मल्टीमीडिया उपग्रह भेजे गए हैं उनके नाम केएल-ए-ए और केएल-ए-बी, को कुआइझोउ -1 ए (केज -1 ए) है. इनको बीजिंग समय के अनुसार एक वाहक रॉकेट द्वारा 6 बजे लॉन्च किया गया था.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार चीन की ओर से जो दो उपग्रह भेजे गए हैं उनमें अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वाणिज्यिक परियोजनाएं शामिल हैं. चीनी विज्ञान अकादमी की ओर से नई अकादमी की ओर से इसे डेवलप किया गया है. इसे चीनी विज्ञान अकादमी के माइक्रोसैटेलाइट्स के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. वे मुख्य रूप से का-बैंड संचार प्रौद्योगिकी परीक्षण के लिए उपयोग किए जाते हैं.फिलहाल इसे एक जर्मन कंपनी इस्तेमाल करने वाली है.चीन ने अंतरिक्ष टेक्नोलाजी पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं और 2030 तक वह अंतरिक्ष में दबदबा रखने वाला सुपर पॉवर बनना चाहता है. लांग मार्च-2 छोटे उपग्रहों को ले जा सकता है और एक ही समय में कई उपग्रहों को कक्षा तक पहुंचा सकता है. यह राकेट दो टेक्नोलाजी प्रायोगिक और पांच व्यावसायिक उपग्रहों को अंतरिक्ष में लेकर गया है. राकेट के साथ भेजे गए दो उपग्रहों से हर मौसम में महासागरीय हवा की निगरानी करने में मदद मिलेगी. इससे तूफान की निगरानी में सुधार आएगा और चीन में सटीक मौसम पूर्वानुमान जारी किया जा सकेगा.

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