राम मंदिर मामला: श्री श्री रविशंकर को मध्‍यस्‍थ किए जाने से नाराज़ हुए ओवैसी

हैदराबाद: सर्वोच्च न्यायालय ने मध्‍यस्‍थता के जरिये अयोध्‍या मामले के समाधान की बात कही है. इसके लिए तीन सदस्‍यीय पैनल गठित किया गया है. इसमें हिन्दू आध्‍यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर का नाम भी शामिल है. इनके नाम पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है. 

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उन्‍होंने कहा है कि मध्‍यस्‍थता के नियम होते हैं. श्री श्री रविशंकर को सर्वोच्च न्यायलय ने नियुक्‍त किया है. यह दुखद है कि ऐसे व्यक्ति को मध्‍यस्‍थ किया गया है जो तटस्‍थ नहीं है. जो किसी पार्टी से भी ताल्लुक रखते हैं और अपना रुख भी साफ़ कर चुके हैं. ओवैसी ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर ने पहले कहा था कि अयोध्‍या मामले पर अगर मुस्लिम अपना दावा नहीं छोड़ेंगे तो भारत, सीरिया बन जाएगा. ओवैसी ने कहा है कि वे तटस्‍थ मध्‍यस्‍थ नहीं हैं. बेहतर होता अगर सुप्रीम कोर्ट किसी तटस्‍थ आदमी को इसके लिए चुनता. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा है कि फिर भी मुसलमानों को उनके पास जाना चाहिए.

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श्री श्री रविशंकर को भी ये याद रखना चाहिए कि वो मध्‍यस्‍थ हैं. हम आशा करते हैं कि वो तटस्‍थ रहेंगे. इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के मध्‍यस्‍थता के फैसले का स्‍वागत करते हैं. बाकी नामों से हमें कोई ऐतराज नहीं है. इस बीच मध्‍यस्‍थ बनाए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि राम मंदिर का समाधान मध्‍यस्‍थता के द्वारा निकालना देश के लिए अच्‍छा है. मध्‍यस्‍थता से राम मंदिर का समाधान निकल सरकता है.

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