गहलोत सरकार ने वसुंधरा सरकार के इन फैसलों को माना सही

पिछली वसुंधरा राजे सरकार के तीन बड़े निर्णयों को बदलने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. इसके अलावा वसुंधरा राजे सरकार के 1059 फैसलों को सही भी माना है. वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों की समीक्षा के लिए गठित की गई मंत्रिमंडलीय समिति ने 1067 में से 1059 फैसलों को सही माना है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित समिति अगले कुछ दिनों में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप देगी.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार ​समिति ने जयपुर के ओल्ड एमआरईसी कैंपस में फ्लैट निर्माण को गलत माना है. वसुंधरा सरकार ने इस बारे में निर्णय लिया था. खेत में मिनरल्स मिलने पर निजी खातेदारों को स्वामित्व देने के वसुंधरा सरकार के निर्णय को भी समिति ने गलत माना है. इसी तरह उर्जा विभाग में 33 केवी के संयंत्र खरीद के निर्णय को भी बदले जाने पर सहमति जताई है.

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इस मामले को लेकर समिति ने आठ मैराथन बैठकों के बाद वसुंधरा राजे सरकार के मात्र 8 फैसलों को सही नहीं माना और उनको निरस्त करने पर सहमति जताई है. समिति ने वसुंधरा सरकार के जिन 1059 फैसलों को क्लीन चिट दी है उनमें अधिकांश सामाजिक संस्थाओं को जनउपयोगी भवन निर्माण के लिए जमीनों का आवंटन, 28 लाख किसानों की 50 हजार तक की कर्जमाफी, पुष्कर का विकास सहित कई मामले शामिल है. समिति ने 6 मामलों में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा है. वहीं 30 विभाग ऐसे रहे जिनमें समीक्षा योग्य बिन्दु ही नहीं पाए गए. इन विभागों में पिछली सरकार के अंतिम छह माह में ऐसे कोई निर्णण नहीं लिए गए जिनमें कोई छूट दी गई हो. 21 विभागों के बिंदुओं की पूरी समीक्षा की गई. इसके अलावा 12 विभागों की सूचना तो मिली लेकिन समय की कमी के चलते समिति उन्हें देख नहीं सकी, जबकि 14 विभागों की सूचना मिली नहीं.

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