जानिए कितने प्रकार के होते है स्लीप डिसऑर्डर
जानिए कितने प्रकार के होते है स्लीप डिसऑर्डर
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स्लीप डिस्ऑर्डर 80 तरह के हैं, जो अलग-अलग वजह से हर किसी में होते हैं. केवल इंडिया में ही 7 से 8 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं. हालांकि खासतौर पर लोगों में चार तरह के स्लीप डिस्ऑर्डर देखने में आते हैं. 
 
खर्राटे लेना: खर्राटे लेने को अगर आप गहरी नींद की निशानी समझते हैं, तो यह बिल्कुल गलत है. दरअसल, यह नींद के दौरान ठीक से सांस न ले पाने की वजह से होता है. खर्राटे लेने वाले व्यक्ति की नींद अक्सर पूरी नहीं होती. वह दिनभर नींद से भरा व चिड़चिड़ा रहता है. उसकी याद्दाशत कम होती जाती है और उसे पर्सनैलिटी डिस्ऑर्डर का भी खतरा रहा है. 
 
नींद न आना: रुटीन सही न रहना, चाय व कॉफी अधिक पीना, ज्यादा ऐल्कॉहॉल लेना, इंटरनेट, लेट नाइट पार्टी, सोने का समय फिक्स न रखना वगैरह से भी स्लीप डिस्ऑर्डर होता है. 

सपने देखना: ज्यादा सपने आने से रात को बार-बार नींद टूटती है. दरअसल, नींद दो तरह की होती है. गहरी नींद यानी नॉन-पिड आई मूवमेंट स्लीप और कच्ची नींद, जिसे सपनों वाली नींद भी कहते हैं. अगर नॉन-पिड आई मूवमेंट स्लीप 6 घंटे की भी आ जाए, तो बॉडी रिलैक्स हो जाती है, लेकिन 9-10 घंटे की कच्ची नींद के बावजूद बॉडी थकी ही रहती है.

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