हमने आसपास ऐसे भी लोग देखे होंगे जो नासमझ होने के बाद भी खुद को स्मार्ट, चालाक और मजाकिया समझते है. ऐसा होने का कारण ये है कि वह अपनी कमजोरियों से बिलकुल अनजान होते है. एक स्टडी के अनुसार खराब प्रदर्शन करने वालो ने खुद कि योग्यता को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर आंका था.
एक दूसरी स्टडी में यह सामने आया कि सबसे अक्षम प्रतियोगी यह मानने को तैयार नहीं होते कि वह सबसे निचले पायदान पर है. इस स्टडी से यह भी सामने आया कि अक्षमता और उसे स्वीकार नहीं कर पाने की स्थिति वास्तविक जीवन में भी होती है. इस स्टडी के दौरान बताया गया कि जिन शिकारियों को असला-बारूद के बारे में सबसे कम पता था, उन्हें अपनी क्षमताओं के बारे में कोई शक नहीं था.
दुनिया में इस मनोवैज्ञानिक स्थिति को डनिंग-क्रुगर इफेक्ट नाम से जाना जाता है. इसका अर्थ है अपनी सोच के बारे में सोचने की क्षमता. इसलिए एक बार आत्मविश्लेषण जरूर करे, खुद को तराजू में जरूर तोले, न कम आंके, न ज्यादा.
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