Jul 02 2016 06:22 AM
अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है. अस्थमा का दौरा पड़ने से श्वास नलिकाएं पूरी तरह बंद हो सकती हैं. अस्थमा होने पर इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन होती है. यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देती है और किसी भी बेचैन करने वाली चीज के स्पर्श से यह तीखी प्रतिक्रिया करता है.
लक्षण: ससे खांसी, नाक बहना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण पैदा होते हैं.
उपाय:
- दमा के रोगियों को प्रतिदिन कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए.
- भोजन के साथ पानी या किसी तरह का तरल पदार्थ लेने से परहेज करना चाहिए
- अस्थमा के रोगियों को ताजे फलों का रस ही लेना चाहिए.
-अस्थमा के रोगियों को धीरे-धीरे और अपने भोजन को चबा-चबाकर खाना चाहिए.
- अस्थमा के मरीज धूल से बचें और बेड शीट को हर हफ्ते धोएं.
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