180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलकर टेल्गो ने भारत में रचा इतिहास
180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलकर टेल्गो ने भारत में रचा इतिहास
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मथुरा : स्पेन की टेल्गो कंपनी द्वारा बनाए गए नए ट्रेन के डिब्बों ने बुधवार को भारत में इतिहास रच दिया। भारत में पहली बार कोई ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कोई ट्रेन दौड़ी है। मथुरा से पलवल के बीच हुआ ट्रायल रन सफल रहा। इससे पहले गतिमान एक्सप्रेस ने 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को हासिल किया था।

आज सुबह 11.28 बजे टेल्गो को मथुरा से रवाना किया गया और ट्रेन 37 मिनट में पलवल स्टेशन पहुंच गई। ट्रेन के लोको पायलट सुनील कुमार पाठक ने बताया कि इसकी मैक्सिमम स्‍पीड 180 किमी प्रति घंटा रही। इस स्‍पीड से टेल्गो ट्रेन को भारतीय डीजल इंजन डब्ल्यूडीसी-4 ने दौड़ाया। ट्रेन के अन्य लोको पायलट विवेक शर्मा ने बताया कि ब्रिज के नीचे और मोड़ पर ट्रेन की स्पीड को कम करना पड़ा।

कुल 84 किमी की टेस्टिंग में 9 कोचों की ट्रेन को दौड़ाया गया। ट्रेन का ट्रायल 26 जुलाई तक किया जाएगा। हाइ स्पीड पर ट्रेन का जंपिंग टेस्ट भी किया गया। लगातार सफल ट्रायल के बाद ट्रेन को मुंबई-दिल्ली रुट पर तलाए जाने की योजना है। 70 साल पुरानी इस टेल्गो कंपनी को हाइ स्पीड वाली 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले डिब्बे बनाने में महारत हासिल है।

इन डिब्बों की खासियत ये है कि ये घुमावदार मोड़ पर भी आसानी से चल सकते है। इनमें भारतीय रेल के मुकाबले आधे से भी कम डिब्बे लगे है। भारतीय रेल में आठ चक्के लगते है, जब कि इनमें केवल दो चक्के है। भारतीय रेल डिब्बों के 68 टन के वजन के मुकाबले ये महज 16 टन के ही होते हैं, लेकिन इनकी कीमत भारतीय रेल डिब्बों के मुकाबले तीन गुने ज्यादा है।

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