हिंसा में लगे हाथ कर रहे मछलीपालन
हिंसा में लगे हाथ कर रहे मछलीपालन
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झारखंड। झारखंड के लातेहार में अब, ग्रामीण बंदूक छोड़कर, मुख्यधारा की ओर लौट रहे हैं। नक्सलियों की राजधानी माने जाने वाली सरयू में नक्सलियों को गोलियों की गूंज सुनाई दे रही थी मगर पुलिस व प्रशासन की मेहनत के बाद यहां के हालात बदल गए। पुलिस व प्रशासन की मेहनत के बाद यहां के हालात बदल गए। हिंसा में लगे हुए हाथ अब मछली पालन का कार्य करने लगे हैं।

झारखंड सरकार ने लातेहार जिले के गांव - गांव में डोभा व तालाब के निर्माण के बाद किसान प्रसन्न हैं। इस मामले में मत्स्य पालकों ने जानकारी देते हुए कहा कि यह क्षेत्र अतिनक्सलवाद से प्रभावित था। ग्रामीण रोजगार की तलाश में यहां से दूसरे क्षेत्र में चले जाया करते थे।

दूसरी ओर डोभा में मछली पालन करने के साथ उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। गौरतलब है कि, यहां पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम थे। कुछ लोगों ने हिंसा का रास्ता अपना लिया। मगर अब युवा फिर से मुख्यधारा की ओर लौट रहे हैं यह एक अच्छा संकेत है,उल्लेखनीय है कि झारखंड में नक्सलवाद का प्रभाव देखने को मिल रहा है। हालात ये हैं कि नक्सलियों की मौजूदगी से प्रशासन को विकास कार्य करने में परेशानी आती है तो दूसरी ओर नक्सली कई बातों में सरकार का विरोध करते हैं। 

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