दूसरों के घर भोजन करना भी आपको पड़ सकता है भारी
दूसरों के घर भोजन करना भी आपको पड़ सकता है भारी
Share:

जब हम किसी मेहमान नवाजी में जाते हैं तो बिना सोचे समझे उनके यहां खाना खा लेते हैं लेकिन अपने जीवन में हर इंसान बस यही सोचता है कि कहीं गलती से उससे कोई पाप न हो जाए। और इसी वजह से वह हर कदम फूंक-फूंक कर रखता है। लेकिन आपकी यही गलती आपको पाप का भागीदार भी बना सकती है। जी हां आज हम आपको कुछ इसी विषय पर बताने वाले हैं जिसमें हम यह जानेंगे कि आप दूसरों के घर पर खाना खाने मात्र से भी पाप का भागीदार बन सकते हो। तो चलिए जानते हैं कि किस प्रकार के लोगों के घर खाना खाने से आप पाप के हिस्सेदार कहलाएंगे।

नशे के कारण कई लोगों के घर बर्बाद हो जाते हैं। इसका दोष नशा बेचने वालों को भी लगता है। ऐसे लोगों के यहां भोजन करने पर उनके पाप का असर हमारे जीवन पर भी होता है। ऐसे में इन लोगों के घर भोजन करने से बचना चाहिए। 

जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती हो और चरित्रहीन हो या व्याकभिचारिणी हो। गरुड़ पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है। 

न्यायालय में जिसका अपराधी सिद्ध हो जाए तो उसके घर का भोजन नहीं करना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार चोर के यहां का भोजन करने पर उसके पापों का असर हमारे जीवन पर भी हो सकता है। 

किन्नरों को दान देने का विशेष विधान बताया गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि इन्हें दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा होने पर अगले जन्म़ तक कष्ट मिलने तय होते हैं। 

जो लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुचित रूप से अत्यधिक ब्याज प्राप्त करते हैं, गरुड़ पुराण के अनुसार उनके घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए।

जिन लोगो का शुरू होता है इस अक्षर से नाम वो होते है बेइंतेहा प्यार करने वाले

लाॅफिंग बुध्द से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई जिसे शायद आप भी नहीं जानते होंगे

क्या आप भी पानी एकत्रित करने के लिए टंकी का इस्तेमाल करते हैं?

घर में रखा यह मसाला खोलेगा आपकी बंद किस्मत का ताला

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -