'रावण के समय भी संतों को ऐसे ही धमकाते थे..', रामकृष्ण मिशन पर ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर योगी का प्रहार
'रावण के समय भी संतों को ऐसे ही धमकाते थे..', रामकृष्ण मिशन पर ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर योगी का प्रहार
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दल रावण के युग की याद दिलाने वाली स्थिति पैदा करने की साजिश कर रहे हैं, जब ऋषियों को धमकाया जाता था। उन्होंने INDIA ब्लॉक पार्टियों पर अपनी राजनीति को "हिंदू धर्म के विरोध" पर आधारित करने का भी आरोप लगाया और कहा कि लोग उन्हें उचित जवाब देंगे।

आदित्यनाथ ने शनिवार को मीडिया को दिए बयान में कहा, "जैसे रावण के समय में लोग ऋषियों को धमकाते थे, वैसी ही स्थिति अब पैदा करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यह सनातन धर्म है, भक्त और इन संगठनों के प्रतिनिधि उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे।" दरअसल, पिछले हफ़्ते ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ साधु दिल्ली में भाजपा नेताओं के प्रभाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, "बेहरामपुर में एक महाराज हैं; मैं उनके बारे में लंबे समय से सुन रही हूँ। कार्तिक महाराज। वे कहते हैं कि वे किसी भी टीएमसी एजेंट को मतदान केंद्र में नहीं आने देंगे। मैं उन्हें संत नहीं मानती क्योंकि वे सीधे राजनीति से जुड़े हैं। मैं भारत सेवाश्रम संघ का बहुत सम्मान करती थी। यह लंबे समय से मेरे सम्मानित संगठनों की सूची में है।" भारत सेवाश्रम संघ के एक साधु ने बनर्जी को उनकी टिप्पणियों पर कानूनी नोटिस भेजा। बाद में टीएमसी प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी कुछ खास साधुओं के लिए थी न कि किसी पूरे संस्थान के खिलाफ। इस बीच, पश्चिम बंगाल पुलिस ने पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में रामकृष्ण मिशन की संपत्तियों में तोड़फोड़ के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया।

योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और आरजेडी समेत इंडिया ब्लॉक की आलोचना करते हुए कहा, "उनकी राजनीति हिंदू धर्म के विरोध पर आधारित है। वे सनातन धर्म, भारत की विचारधाराओं और दर्शन का विरोध करते हैं।" उन्होंने कहा, "भारत सेवाश्रम के खिलाफ टीएमसी के बयान आसन्न हार के सामने उनकी हताशा को दर्शाते हैं।" उन्होंने विश्वास जताया कि भारत सेवाश्रम और रामकृष्ण मिशन से जुड़े लोग कांग्रेस और उसके इंडिया ब्लॉक सहयोगियों को "करारा जवाब" देंगे।

इन संस्थाओं के योगदान पर प्रकाश डालते हुए आदित्यनाथ ने कहा, "रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ भारत में दो प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाएँ हैं। स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए, रामकृष्ण मिशन ने देश और विदेश में सनातन धर्म के मूल्यों का प्रसार किया है, साथ ही दान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत सेवाश्रम संघ भारत के सनातन हिंदू धर्म की एक चमकती हुई ज्योति है। स्वामी प्रणवानंद द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए, भारत सेवाश्रम संघ ने सनातन धर्म का संदेश फैलाया है।"

इसके अलावा, आदित्यनाथ ने तृणमूल कांग्रेस पर 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने को लेकर भी निशाना साधा, जिससे सही ओबीसी समुदायों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ''टीएमसी ने 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किया और ओबीसी से अधिकार छीन लिए। पिछले 14 सालों में लाखों ओबीसी लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है। टीएमसी को बंगाल में ओबीसी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।'' गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द कर दिए। अदालत ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग को 1993 के अधिनियम के अनुसार एक नई ओबीसी सूची तैयार करने का निर्देश दिया, जबकि 2010 से पहले ओबीसी सूची में शामिल लोग बने रहेंगे। आदेश के आलोक में अनुमानित 5 लाख ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द किए जाने हैं।

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